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ताजमहाल की वास्तु हिन्दू वास्तु है अथवा इस्लामी कब्र है, यह सिद्ध होने तक वहां चल रहा नमाजपठन बंद करें ! – श्रीमती सुधा घाटगे

फलटण (जनपद सातारा) में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’

फलटण (जनपद सातारा, महाराष्ट्र) : कथित प्रेम का प्रतीक मानी जानेवाली ताजमहल की वास्तु मुसलमानों की नहीं, अपितु हिन्दुआें की है। यह वास्तु ताजमहल नामक मुमताज की कब्र है अथवा हिन्दू वास्तुकला का एक सुंदर नमुना है, इसके विषय में सच्चा इतिहास सामने आने हेतु शासन तुरंत इतिहासविशेषज्ञों की समिति नियुक्त करे और उसका ब्यौरा मंगाए। जबतक वह हिन्दू वास्तु है अथवा इस्लामी कब्र है, यह सिद्ध नहीं हो जाता, तबतक वहांपर चल रहे नमाजपठन को बंद किया जाए। हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती सुधा घाटगे ने यह मांग की। यहां के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पुतले के निकट चलाए गए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन को वे संबोधित कर रहे थी। इस अवसर पर बडी संख्या में हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे।

हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के लिए हमारा सदैव सहयोग रहेगा ! – श्री. संदीप जाधव, अध्यक्ष नगर युवा भाजपा

कोई भी लडाई रक्तरंजित नहीं, अपितु वैचारिक स्तरपर लडी जानी चाहिए। हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य अच्छा है। मेरा और मेरे राजनीतिक दल का समिति के कार्य के लिए सदैव सहयोग रहेगा।

आज के दिन केंद्र में भाजपा का शासन होने से हिन्दू नेता एवं कार्यकर्ताआें की हत्याएं करनेवालों के विरोध में कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ! – ज्योतिराम गोरे, भाजपा

इस आंदोलन में हिन्दू जनजागृति समिति की महिला कार्यकर्ताआें ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

विशेष घटना : आंदोलनस्थलपर सामान्य वेशभूषा में आए पुलिसकर्मियों ने आंदोलन का छायाचित्र निकाला। यातायात नियंत्रक (ट्रैफिक पुलिस) महिला पुलिसकर्मी ने भी आंदोलन का छायाचित्र निकालकर आंदोलन हेतु अनुमति के विषय में पूछा। (पुलिसकर्मियों की अनुमति मिलने के पश्‍चात ही हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आंदोलन का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार से अनुमति पूछ जाना, पुलिस प्रशासन में निहित समन्वय के अभाव को दर्शाता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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