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मंगलुरू (कर्नाटक) में राज्यस्तरीय संवाददाता प्रशिक्षण शिविर

हिन्दू राष्ट्र स्थापना की वैचाररिक लडाई में अंतर्भूत होने का शिविरार्थियों का निश्‍चय !

मंगलुरू (कर्नाटक) : यहां के सनातन सेवाकेंद्र में २५ एवं २६ नवंबर की अवधि में दो दिवसीय कर्नाटक राज्यस्तरीय संवाददाता प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ । राष्ट्र एवं धर्म के प्रसार हेतु संवाददाता की सेवा एवं प्रसिद्धि की सेवा कैसे करनी चाहिए, इसका प्रत्यक्षरूप से इस शिविर में प्रशिक्षण दिया गया । छायाचित्र में व्याप्त बारिकियां कैसी लेनी चाहिए, संवाददाता की सेवा करने हेतु आवश्यक गुण, शुद्धलेखन एवं व्याकरण का महत्त्व आदि विषयोंपर दैनिक सनातन प्रभ्रात की प्रतिनिधि कु. सायली डिंगरे एवं कन्नड साप्ताहिक सनातन प्रभात के प्रतिनिधि तथा ६३ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त साधक श्री. प्रशांत हरिहर ने शिविरार्थियों का मार्गदर्शन किया । प्रसिद्धि सेवा के अंतर्गत तांत्रिक सूत्रों के विषय में हिन्दू जनजागृति समिति के बागलकोट जनपद समन्वयक श्री. संतोष भटकळकर एवं ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त साधक श्री. केशव गौडा ने भी मार्गदर्शन किया । राज्य के २० शिविरार्थियों ने इस शिविर का लाभ उठाया ।

इस शिविर के उपलक्ष्य में परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा दिए गए संदेश का वाचन दक्षिण कन्नड जनपद की जनपदसेविका श्रीमती मंजुला गौडा ने किया । शिविरार्थियों काे मार्गदर्शन करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक तथा ६३ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त श्री. गुरुप्रसाद गौडा ने कहा, ‘‘हमें संवाददाता एवं प्रसिद्धि सेवाआें के माध्यम से राष्ट्र एवं धर्म के विचारों को घर-घर पहुंचाने हैं ।

कु. सायली डिंगरे ने कहा, ‘‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु अविरत प्रयासरत सनातन प्रभात के नियतकालिकों के लिए समाचार संकलन करना राष्ट्र एवं धर्म की सेवा ही है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु वैचारिक लडाई लडना सनातन प्रभात के संवाददाता का दायित्व है । साधना की दृष्टि से हम सभी को इसका लाभ उठाना चाहिए ।

श्री. प्रशांत हरिहर ने कहा, ‘‘आदर्श नियतकालिक सनातन प्रभात के माध्यम से हम समाज, राष्ट्र एवं धर्मजागृति करनेवाले आदर्श संवाददाता बनेंगे ।’’

इस शिविर के समापन के अवसरपर शिविरार्थियों ने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए कहा कि, प्रसारमाध्यमों द्वारा भी व्यापक धर्मप्रसार किया जा सकता है, इसका हमें भान नहीं था । इस शिविर के कारण कार्य की व्यापकता ध्यान में आकर हममें उत्साह बढा है । समाज में फैल रही दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध समाज में जागृति कैसी करनी चाहिए, यह ध्यान में आ गया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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