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अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य की अराजकता के नाम पर रानी पद्मावती का चारित्र्यहनन का षड्यंत्र सहन नहीं करेंगे !

मुंबई के जिलाधिकारी को श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान की ओर से ज्ञापन

इतिहास का विकृतीकरण करनेवाले चलचित्रों के विरोध में हिन्दुओंद्वारा अनेक बार आवाज उठाया जा रहा है, फिर भी केंद्र सरकार ऐसे चलचित्रों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती ?

जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के धारकरी

मुंबई : भारतीय संस्कृति में रानी पद्मावती स्त्रीचारित्र्य एवं शील का प्रतीक है। अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य की अराजकता के नाम पर रानी पद्मावती चलचित्र के माध्यम से रानी पद्मावती का चारित्र्यहनन करने का षड्यंत्र श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान कभी सहन नहीं करेगा ! श्री शिवप्रतिष्ठान ने ऐसी चेतावनी दी है। पद्मावती चलचित्र के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान ने मुंबई के जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर धारकरी सर्वश्री मंगेश केणी, विनायक बालगुडे, स्वप्नील म्हात्रे, अशोक शिंदे, प्रभाकर शिंदे, राजेश सावंत, रूपेश पारवे, रोहन नाईक तथा बळवंत दळवी उपस्थित थे।

महाराष्ट्र में मुंबई के साथ सांगली, सातारा, वाई, पुणे, कडेगाव, बुलढाणा, रत्नागिरी, चिखली, नगर, श्रीरामपुर, कोपरगाव, कोल्हापुर, इचलकरंजी, हुपरी, नई मुंबई, कल्याण आदि स्थानों पर श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान की ओर से जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात


कोल्हापूर जिले में पद्मावती चित्रपट पर प्रतिबंध लगाएं ! – श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान

वादग्रस्त पद्मावती चित्रपट पर राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार तथा पंजाब इन राज्यों ने प्रतिबंध लगाया है; अपितु भाजपा शासित महाराष्ट्र में वह क्यों नहीं लगाया जाता ? उसके लिए हिन्दुत्वनिष्ठों को मांग क्यों करनी पडती है ?

प्रशासन को ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए हिन्दुत्वनिष्ठ

कोल्हापुर : २ दिसम्बर को जिलाधिकारी कार्यालय में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। ज्ञापनद्वारा श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान ने यह मांग की कि, ‘पद्मावती चित्रपट में रानी पद्मावती के जाज्वल्य इतिहास का अनादर किया गया है। अतः इस चित्रपट पर प्रतिबंध लगाना चाहिए !’

इस ज्ञापन में आगे यह प्रस्तुत किया है कि, ‘रानी पद्मावती का राष्ट्र एवं हिन्दु धर्म के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान है। अल्लाउद्दीन खिलजी आक्रमक शत्रु था। जब उसने हिन्दुस्थान पर आक्रमण किया, उस समय राजपूतोंद्वारा हिन्दुस्थान की रक्षा हेतु किया गया कार्य अद्वितीय है। अपितु पूरी तरह से झूठा इतिहास समाज के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है। खिलजी तथा रानी पद्मावती देवी के संदर्भ में आक्षेपार्ह चित्रीकरण किया गया है। इस संदर्भ में कोई भी स्पष्टीकरण न होते हुए भी चित्रपट प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है। किंतु यह बात हम कभी भी सहन नहीं करेंगे ! चित्रपट के विरोध में पूरे देश में तनावपूर्ण वातावरण है !’

उस समय श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के सर्वश्री नितीन चव्हाण, अक्षय संकपाळ, सुमित कापडे, अजित मोरे, आनंद मुंडे, शाम धायवट, रोहित अतिग्रे तथा अतुल शिंदे उपस्थित थे। साथ ही हिन्दु जनजागृति समिति के श्री. मधुकर नाझरे, हिन्दु महासभा के श्री. मनोहर सोरप, ‘वन्दे मातरम्’ संघटन के श्री. अवधूत भाट्ये के साथ पतित पावन संघटन के श्री. सुनील पाटिल भी उपस्थित थे।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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