आठ राज्यों में हिंदुओं के अल्पसंख्यक होने पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले को कानून आयोग को भेजा है, जिससे वह अपने सुझाव और टिप्पणी दे सके। आपको बता दें कि ११ नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय की पीठ का नेतृत्व करने वाले जस्टिन रंजन गोगई ने इस मामले में दायर की गई याचिका को अस्वीकार कर दिया था और दिल्ली भाजपा के नेता और अॅड. अश्वनी उपाध्याय को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में जाने के लिए कहा था।
गौरतलब है कि लक्ष्यद्वीप में हिंदुओं की संख्या २.५ प्रतिशत है, मिजोरम में २.७५ प्रतिशत, नागालैंड ८.७५ प्रतिशत, मेघालय ११.५३ प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में २८.४४ प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश २९ प्रतिशत, मणिपुर ३१.३९ प्रतिशत और पंजाब में ३८.४ प्रतिशत है।
उपाध्याय ने कहा था कि अल्पसंख्यकों का दर्जा न मिलने की वजह से इन लोगों को वो सुविधाएं नहीं मिल पातीं जिनके वे हकदार हैं। मेल टुडे से बात करते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन हसन रिजवी ने कहा कि, हमने इस मामले को लॉ कमीशन के पास भेज दिया है।
अब हम उनकी सलाह और टिप्पणी का इंतजार कर रहे हैं, जिससे अगला कदम उठाया जा सके। जिसके बाद हम सरकार से इस मसले पर बातचीत करेंगे।
स्त्रोत : अमर उजाला