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बांग्लादेश में जिला प्रशासन एवं न्यायाधीश ने ही मंदिरों का विध्वंस कर मूर्तियों को फेंका !

बांग्लादेश के हिन्दुओं के लिए केंद्र की भाजपा सरकार कुछ भी नहीं करती, यह सरकार के लिए लज्जास्पद ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात

ढाका : धर्मांधों के साथ साथ अब बांग्लादेश के प्रशासनद्वारा भी हिन्दुओं के मंदिरों का विध्वंस एवं मूर्तियोंकी विडंबना करने की घटनाएं आरंभ हो चुकी है ! ३ दिसंबर को मैमनसिंह जिले के पंचायत प्रमुख लोकमान हुसेन, सचिव श्रीमती बाणा विश्‍वास एवं न्यायाधीश अबुल हशमत लोकमन ने सशस्त्र पुलिसकर्मियों की सहायता लेकर राजा विजय सिंह शिवा मंदिर एवं दुर्गा मंदिर उद्ध्वस्त किया एवं उसमें स्थित देवी-देवताओं की मूर्तियां उखाड़कर फेंक दी ! इसके लिए वहां पर रिक्शास्थानक आदि अवैध निर्माण कार्य हुआ, एेसा प्रशासन ने ऐसा कारण बताया। (अवैध निर्माणकार्य तोडने के स्थान पर मंदिर को ही तोडनेवाला प्रशासन क्या हिन्दुओ को मूर्ख समझता है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इस घटना का निषेध व्यक्त करने हेतु हिन्दू नेता अधिवक्ता श्री. बिकाश राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला परिषद अध्यक्ष प्रा. युसुफ खान पठाण से भेंट की तथा बांग्लादेश का हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन ‘बांगलादेश मायनॉरीटी वॉच’ के प्रमुख अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष ने भी प्रा. युसुफ खान पठाण से संपर्क किया। प्रा. पठाण ने मंदिर के विध्वंस के लिए अवैध निर्माण कार्य किया गया, ऐसा ही कारण बताया; परंतु अधिवक्ता श्री. घोष ने कहा कि ऐसा करते समय मंदिर व्यवस्थापन को पूर्वसूचना देना आवश्यक था। इस पर प्रा.पठाण ने उत्तर देते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने लिखित रूप में सूचना नहीं दी थी, केवल मौखिक रूप से कहा था ! (इससे दिखाई देता है कि, बांग्लादेश प्रशासन हिन्दू धर्मविरोधी कार्रवाईयां करने में कितना तत्पर रहता है ! बांग्लादेश को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त करवा दी, इसका तनिक भी भान वहां के धर्मांध एवं प्रशासन को नहीं है, यही दुर्दैव है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

उपरोक्त घटना के संदर्भ में अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष ने उपायुक्त खलीलूर रहमान से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने दूरभाष नहीं उठाया। अधिवक्ता श्री. घोष ने इस घटना का निषेध कर तोडे हुए मंदिर का पुनर्निर्माण कर उसमें विधिवत मूर्तिया स्थापित कराने की मांग की है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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