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कर्नाटक : परेश मेस्त की हत्या करते समय जिहादीयों ने पार दी क्रूरता की सभी सीमाएं !

होन्नावर (कर्नाटक) के हिन्दुत्वनिष्ठ परेश मेस्त की हत्या का प्रकरण

  • कांग्रेस के राज के पुलिसकर्मियों द्वारा झूठा शवविच्छेदन ब्यौरा बनाए जाने का आरोप
  • ‘जय श्रीराम’ लिखे हाथ की चमडी उधेड दी गई !
  • सिरपर उबला हुआ तेल डाल दिया !
  • लिंग काट दिया !
  • हंसिया से सिरपर प्रहार किया !

– हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, राजनीतिक दल और गुजरात के मंदिरों में जाकर हिन्दुआें के वोट प्राप्त करने का प्रयास करेनवाले नेता इस विषय में चूप क्यों ?

– गोरक्षकों द्वारा की गई कथित हत्याआें के विषय में देश में असहिष्णुता बढने का आक्रोश करनेवाले आधुनिकतावादी, निधर्मीवादी, लेखक तथा पत्रकार इस घटना के विषय में अभीतक चूप क्यों ?

– क्या कर्नाटक के कांग्रेस सरकार ने हिन्दुआें की क्रूरता के साथ हत्याएं करनेवाले तथा उनका धर्मपरिवर्तन करनेवाले टीपू सुल्तान की जयंती मनाकर राज्य के धर्मांधों को उसका आदर्श लेकर कृत्य करने का संदेश दिया है ?

– गाेरक्षा, लव जिहाद के कारण हत्याएं होने की हवा बनानेवाले निवृत्त मुख्य न्यायाधीश लोढा जैसे लोग अब कहां हैं ?

होन्नावर (कर्नाटक) – यहां ६ दिसंबर को भडके दंगे के समय यहां के १८ वर्ष के हिन्दुत्वनिष्ठ परेश मेस्त गायब हो गए थे । उसके २ दिन पश्‍चात एक तालाब में उनका शव मिला था । उस दिन घटी घटना की जानकारी अब सामने आ रही है । ५ धर्मांधों ने मिलकर अत्यंत क्रूरता के साथ उनकी हत्या कर दी थी, यह सच्चाई अब सामने आ रही है । साथ ही कर्नाटक के पुलिस प्रशासन ने यह जानकारी उजागर न हो; इसके लिए शवविच्छेदन से संबंधित डॉक्टर का साथ लेकर शवविच्छेदन का झूठा ब्यौरा बनाया जाने का आरोप लगाया जा रहा है । भाजपा की ओर से हत्या की राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग द्वारा जांच किए जाने की मांग की है; परंतु पुलिस प्रशासन ने परेश की हत्या नहीं हुई है, जब कि उसकी मृत्यु नैसर्गिक होने का दावा किया है । दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने ६ दिसंबर को भडके दंगे के प्रकरण में ३२ धर्मांध एवं ११ हिन्दुआें को बंदी बनाया है ।

परेश मेस्त की हत्या का घटनाक्रम

१. ६ दिसंबर को बाबरी मस्जिद के पतन के विरुद्ध धर्मांधों ने पथराव करना आरंभ कर दिया था । इस समय परेश मेस्त ने स्वयं की रक्षा हेतु उसके एक मुसलमान मित्र के होटल में आश्रय लिया ।

२. उस समय ४ धर्मांध युवक होटल में घुस गए और उन्होंने परेश को पकडकर दूसरे होटल में ले गए ।

३. परेश के दाहिने हाथ पर ‘जय श्रीराम’ अंकित किया गया था । धर्मांधों ने पहले ‘जय श्रीराम’ लिखे हुए हाथ की चमडी उधेड दी ।

३. तत्पश्‍चात उन्होंने होटल में रखे गए उबलते तेल को उनके सिरपर डाल दिया ।

४. तदुपरांत उन्होंने उनका लिंग काट दिया ।

५. अंततः उन्होंने उनके सिर पर धारदार हथियार से प्रहार कर उनकी हत्या की ।

पुलिस द्वारा लुकाछिपी का प्रयास किए जाने का संदेह !

स्वराज समाचार संकेतस्थल द्वारा दिए गए समाचार में कहा गया है कि इस हत्या में इम्तियाज, आजाद, आमीर, सलीम एवं आसिफ ये धर्मांध युवक सहभागी थे तथा पुलिसकर्मियों ने उनके विरुद्ध अपराध पंजीकृत कर उनमें से तीन युवकों को बंदी बनाया है; परंतु पुलिस प्रशासन ने अभीतक इसकी पुष्टि नहीं की है । पुलिस अधिकारी इस विषय में कोई भी जानकारी देना टाल रहे हैं ।
एन्डीटीवी द्वारा दिए गए समाचार के अनुसार भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे ने भी परेश की अमानवीय पद्धति से हत्या किए जाने का आरोप लगाया है । इस समाचार में पुलिस प्रशासन ने कहा है कि परेश पर एसिड अथवा अन्य किसी पदार्थ से आक्रमणकर उसके मुख को विरूप नहीं किया है, जब कि उसका शव तालाब में २ दिनतक पडा रहने से वह विरूप हो गया है, साथ ही डॉक्टरों के अनुसार उसके शरीरपर किसी भी प्रकार के आघातों के चिह्न नहीं है ।

शिरसी (कर्नाटक) में परेश मेस्त की हत्या के कारण बंद !

होन्नावर मेें भडके दंगों में धर्मांधों द्वारा हिन्दुत्वनिष्ठ परेश मेस्त की की गई हत्या के विरोध में १२ दिसंबर को शिरसी बंद रखा गया । इस अवधि में कुछ स्थानोंपर पथराव किया गया । इसलिए पुलिसकर्मियों ने अश्रुगैस छोडी, साथ ही लाठीप्रहार किया, साथ ही पुलिसकर्मियों ने कुछ लोगों को बंदी बनाया । उनमें विधायक विश्‍वेश्‍वर हेगडे अंतर्भूत हैं । ११ दिसंबर को इस हत्या के विरुद्ध कुमठा में भी आंदोलन चलाया गया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


१५ दिसंबर २०१७

कर्नाटक के होन्नावर में हुए दंगे में जिहादीयों द्वारा परेश मेस्ता की क्रूरता से हत्या !

राजसमंद पर शोर मचाने वाले तमाम लोग अब चुप क्यों ?

होन्नवरा : यहां के परेश मेस्ता नामक युवक की जिहादियों ने बर्बरता से हत्या कर दी, उसे बुरी तरह मौत के घाट उतारा गया। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, और हिन्दुओं की हत्या का सिलसिला कांग्रेस के शासन में ही शुरु हुआ है, परेश को भी जिहादियों का एक शिकार बना दिया गया ।

परेश के शरीर पर कई चोटों के निशान थे, खौलते पानी से उसे जलाया गया और उसकी बड़ी निर्ममता से हत्या कर दी गर्इ, एेसा अंदाजा लगाया जा रहा है। इस मामले में तो अभी तक कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने किसी की गिरफ्तारी तक नहीं की है।

बता दें कि, कुछ दिन पहले दोन मोटरसाइकल में हुर्इ टक्कर को लेकर जिहादीयों ने दंगे किए थे । इसमें भीड से भागने के प्रयास कर रहा परेश बाद में लापता हुआ था । दोन दिन पूर्व उसका शव एक तालाब में पानी के उपर तैरता मिला। परेश का चेहरा पुरी तरह से विद्रूप हो गया था । जिहादीयों ने उसपर अॅसिड या अन्य किसी केमिकल से आक्रमण कर उसकी हत्या कर दी, एेसा अनुमान लगाया जा रहा है ।

पिछले दिनों देश के बुद्धिजीवी, सेक्युलर पत्रकार, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता, ई ट्वीट्स कर रहे थे, राजस्थान के राजसमंद की एक घटना को लेकर खूब शोर मचाया जा रहा था, अब आप स्वयं सोचिये किस मीडिया ने परेश मेस्ता की खबर दिखाई ?

राजस्थान में अफराजुल की हत्या पर तुरंत हिन्दु व्यक्ती की गिरफ़्तारी की गर्इ किंतु परेश मेस्ता की हत्या में तो कोई गिरफ़्तारी भी नहीं की गयी, और कांग्रेस की सरकार के रहते कोई कार्यवाही होगी ऐसा लगता भी नहीं है, और इस खबर को दबाने की मीडिया ने भी हर कोशिश की, एक भी मीडिया ने खबर नहीं दिखाया, और न ही हमारे बुद्धिजीवी और सेक्युलर नेता एक ट्वीट तक करने को तैयार है ।

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