माघ कृष्ण १४, कलियुग वर्ष ५११४
गोवर्धनपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वतीका दर्शन करते हुए (बांई ओर) हिंदू जनजागृति समितिके पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे
विशेष प्रतिनिधि
प्रयागराज – कुंभमेलेमें सेक्टर १० में गोवर्धनपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वतीका हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेने दर्शन किया । उस समय पू. डॉ. पिंगळेजीने शंकराचार्यकी आरतीकर उनका सम्मान किया । उस समय शंकराचार्यजीने सनातनके कार्यकी स्तुति की एवं आशीर्वाद भी दिए । शंकराचार्यने कहा, ‘‘सनातनके साधक गत १० वर्षोंसे अधिक समयसे मेरे पास आ रहे हैं ।” उस समय उन्होंने सनातनके कार्यकी तथा संस्थाके संस्थापक प.पू. डॉ.आठवलेजीकी आस्थापूर्वक पूछताछ की तथा उनसे मिलनेकी इच्छा भी व्यक्त की । प.पू. डॉ. आठवलेजीके विषयमें बोले कि, ‘एक महान विभूति सनातन धर्मके लिए कार्य कर रही है ।’ ‘हिंदू राष्ट्र’के विषयमें शंकराचार्यने कहा कि, ‘‘सुसंस्कृत, सुरक्षित, सुशोभित, सुसंपन्न, सेवापरायण समाजरचनावाला राष्ट्र ही हिंदू राष्ट्र हो सकता है ।’’
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात