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अमरनाथ में जयकारों पर प्रतिबन्ध नहीं, बस शिवलिंग के आगे शांति रखें श्रद्धालू : एनजीटी

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अपने निर्णय को लेकर हो रही आलोचना के बाद ये साफ कर दिया है कि उसने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में कोई ‘साइलेंट जोन’ घोषित नहीं किया है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि, बर्फ से बनी ‘शिवलिंग’ के सामने ही शांति बनाए रखना चाहिए।

इससे पहले खबर आई थी कि एनजीटी ने अमरनाथ गुफा श्राइन की पर्यावरण-संवेदनशीलता को बनाये रखने के लिए इसे साइलेंट ज़ोन  घोषित किया और एंट्री पॉइंट से आगे धार्मिक रस्मों पर रोक लगा दी थी।

पीठ ने पहले कहा था कि अमरनाथ गुफा मंदिर के आसपास के इलाके को साइलेंट ज़ोन घोषित करने से हिमस्खलन रोकने और क्षेत्र के ईको सिस्टम को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

अमरनाथ गुफा मंदिर को हिंदुओं के बड़े पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। साल में ज्यादातर समय यह गुफा बर्फ से ढकी रहती है। केवल गर्मी में कुछ ही दिन के लिए यहां बर्फ नहीं होती और तब इसे श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है।

एनजीटी के इस स्पष्टीकरण से पहले हिंदू समूह विश्व हिंदू परिषद ने एनजीटी के आदेश का विरोध करते हुए इसे ‘तुगलकी फतवा’ करार दिया था। विहिप ने कहा था कि पृथ्वी पर पारिस्थितिकी संबंधी हर समस्या के लिए हिंदू जिम्मेदार नहीं है।

स्त्रोत : न्यूज १८


१३ दिसंबर २०१७

NGT ने अमरनाथ यात्रा में किए जानेवाले मंत्रोच्चार-जयकारों पर लगाई रोक

अगर सालभर में केवल एक बार अमरनाथ यात्रा में होनेवाले मंत्रोच्चार-जयकार इन्हे ध्वनी प्रदुषण लगता तो दिन में ५ बार बजनेवाले लाऊडस्पिकर से क्या ध्वनी प्रदुषण नहीं होता ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

नई देहली : नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने अमरनाथ यात्रा पर जयकारे लगाने और मंत्रों के उच्चारण पर रोक लगाने का आदेश दिया है। एनजीटी ने अमरनाथ को साइलेंस जोन घोषित करने का आदेश देते हुए कहा कि, यह क्षेत्र पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इस क्षेत्र में ग्लेशियरों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां शोर-शराबा नहीं होना चाहिए और यात्रियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए। इस बीच इस पर विवाद भी तेज हो गया है।

एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को आदेश देते हुए कहा कि, अमरनाथ में घंटियां नहीं बजनी चाहिए। इसके अलावा यात्रियों को मोबाइल फोन और अन्य सामान ले जाने की भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा, ‘श्राइन बोर्ड को यह ध्यान रखना चाहिए कि, वहां स्टोर रूम बनना चाहिए, जहां लोग अपने सामान को जमा करा सकें।’ अपने आदेश में कहा कि, श्राइन बोर्ड को यह तय करना चाहिए कि, लोग आखिरी चेक पोस्ट से अमरनाथ गुफा तक एक ही लाइन में जाएं।

 भाजपा ने बताया हिन्दू विरोधी अजेंडा

इस बीच इस पूरे मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है और भाजपा ने इसे हिन्दू विरोधी अजेंडा करार दिया है। पार्टी के देहली प्रदेश के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने कहा, ‘जिस तरह से एनजीटी के बयान हिन्दुओं के विरोध में आते हैं, हम उसके विरोध में हैं।

‘एक ही धर्म के माइक से दिक्कत क्यों ?’ – तेजिंदर पाल बग्गा

बग्गा ने कहा, ‘यदि आप वहां मंत्र ही नहीं उच्चारित कर सकते तो फिर यह यात्रा कैसे हुई ? एनजीटी की ओर से हिन्दू विरोधी अजेंडा चलाया जा रहा है। यह हिन्दू विरोधी है। हम अमरनाथ यात्रा जाएंगे और मंत्र भी पढ़ेंगे। यदि आपको माइक से दिक्कत है तो फिर एक धर्म के ही माइक से दिक्कत नहीं होनी चाहिए।’

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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