संपूर्ण देश में ८ राज्यों की ३३ जनपदों में ४८४ पेट्रोलपंपोंपर चलाया गया अभियान !
मुंबई / पुणे – नित्य जीवन में अन्य जीवनावश्यक वस्तुआें की भांति पेट्रोल भी मनुष्य के लिए आवश्यक घटक बन गया है । हम पेट्रोल भरने हेतु पेट्रोलपंपपर जाते हैं; किंतु अधिकांश पंपोंपर पेट्रोल अल्प मात्रा में देना, साथ ही मिलावटी पेट्रोल देना आदि माध्यमों से नागरिकों के साथ धोखाधडी की घटनाएं निरंतर हो रही हैं । यह भी एक बडा भ्रष्टाचार ही है । कई लोगों को इसकी जानकारी होती है; परंतु वो ऐसी घटनाआें को उजागर करने का प्रयास नहीं करते, साथ ही जिनमें इस भ्रष्टाचार को उजागर करने की इच्छा होती है, उनको कानून का पर्याप्त ज्ञान नहीं होता । फलस्वरूप भ्रष्टाचारियों को खुली छूट मिलती है और उससे बडी मात्रा में ग्राहकों के साथ धोखाधडी की जाती है । इस धोखाधडी को रोकने हेतु ‘सुराज्य अभियान’ के माध्यम से राष्टप्रेमी नागरिकों ने अब कमर कस ली है । सुराज्य अभियान के संयोजक अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने यह जानकारी दी ।
ऐसे चलाया गया यह अभियान !
८ से १० दिसंबर २०१७ की अवधि में पूरे देश में चलाए गए सुराज्य अभियान के अंतर्गत महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, गुजरात, देहली, उत्तर प्रदेश, हरियाना एवं बिहार इन राज्यों के ३५ जनपदों के ४८४ पेट्रोलपंपों का भ्रमण कर ग्राहकों के अधिकार, साथ ही पेट्रोलियम आस्थापनों द्वारा सिद्ध की गई नियमावली का पालन होता है अथवा नही, इसकी पडताल की गई । मुंबई एवं ठाणे जनपदों में कुल ५५ स्थानोंपर, जब कि पुणे एवं पिंपरी-चिंचवड में स्थित ६४ पेट्रोलपंपोंपर जाकर यह अभियान चलाया गया । पुणे में १८ पेट्रोलपंपोंपर त्रुटियां दिखाई दीं । इस अभियान हेतु जिला वैधमापन नियंत्रक अधिकारी को पत्र भेजकर इस अभियान में सम्मिलित होकर मार्गदर्शन करने का अनुरोध भी किया गया था ।
पेट्रोलपंपोंपर दिखी दुःस्थिति
१. शासन के आदेशानुसार पेट्रोलपंप पर पेट्रोल भरने के अतिरिक्त यदि ग्राहकों को पेट्रोल में मिलावट होने का संदेह हुआ, तो उसकी पडताल के और मापन में धोखाधडी होती हो, तो उसके लिए मापनयंत्र की मांग करने के अधिकार प्राप्त हैं । साथ ही ग्राहकों के वाहन में निःशुल्क हवा भर देना, उनके लिए प्रसाधनगृहों का प्रबंध होना, पेयजल की व्यवस्था होना जैसी विविध सुविधशएं उपलब्ध करा देना अनिवार्य है ।
२. कुछ स्थानोंपर इस अभियान को चलानेवाले प्रतिनिधियों से ही परिचयपत्र की मांग की गई । कई स्थानोंपर प्रसाधनगृह, पेयजल आदि सुविधाआें का अभाव होने का इस अभियान में दिखाई दिया ।
३. ग्राहकों के साथ की जानेवाली धोखाधडी एवं असुविधाएं अत्यंत गंभीर बातें हैं । अतः इस विषय में तुरंत कार्यवाही कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए तथा जनता से हो रही धोखाधडी को रोका जाए । सुराज्य अभियान के संयोजक अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने भारत पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, ग्राहक संरक्षण, अन्न एवं नागरी आपूर्ति ग्राहक मंत्रालय, वैधमापन जिला नियंत्रक, साथ ही राज्य के ग्राहक मंत्रालय से ये मांगें की हैं । साथ ही अधिवक्ता सांगोलकर ने जनहित हेतु इस अभियान में नागरिक भी यथाशक्ति सम्मिलित हों ।
अभियान में सम्मिलित होने के इच्छुक नागरिक ९५९५९८४८४४ इस क्रमांक से संपर्क करने का आह्वान किया है ।
पुणे में इस संदर्भ में वैधमापन शास्त्र विभाग के नियंत्रक नि.प्र. उदगले को निवेदन सौंपा । उनकी ओर से निरीक्षक श्री. जाधव ने निवेदन का स्वीकार किया ।