मुसलमानों से विवाह करने की इच्छा रखनेवाली हिन्दू लडकियां इस पर ध्यान दें !
१. एक ही समयमें ३-३ सौतनें मिलती हैं । पूरा जीवन उनकी सेवा करनी पडती है । इतना ही नहीं, अपितु मारपीट भी होती है ! यह एक प्रकार का पुरस्कार ही होता है ।
२. बुरखा पहनना अनिवार्य होता है । कभी कभी बुरखा न पहनने के कारण गर्दन भी कटवा लेनी पडती है । जनवरी २००३ में ३ कश्मिरी लडकियों के बुरखा न पहनने पर परिवार के लोगों ने उन पर सामूहिक बलात्कार किया एवं उनकी गर्दने काटीं ।
३. मुसलमानों के घर सदैव गोमांस खाना पडता है ।
४. ८-१० बच्चो को पैदा करना पडता है ।
५. पति की ओर से कभी कभी मारपीट होती है ।
६. कभी-कभी ससुरजी से भी शारीरिक संबंध रखना पडते हैं । इस्लाम में ये ‘हल्लाह’ (स्वीकार ) है ।
७. कभी अज्ञान अथवा मानवी चूक के कारण यदि किसी महिला पर बलात्कार हुआ, तो उसकी पीठ पर २१ कोडे मारने का दंड मिलता है । यह एक इस्लामी उपचार है ।
८. पति के ३ बार ‘तलाक’ कहने पर वह तलाक पूरा होता है, चाहे भले ही उस महिला ने २०-२५ वर्ष संसार किया हो ।
९. मुसलमान उनके लडकों की खतना अथवा सुन्नत करते हैं, जिसमें लडको के जननेंद्रिय की आगे की त्वचा को काट दिया जाता है । उसी प्रकार धर्म परिवर्तन के बाद लडकी की योनी का कुछ विशिष्ट भाग काटा जाता है, जिससे वह बच्चे तो पैदा कर सकती है परंतु सहवास के सुख से वंचित रहती है ।
१०. मुसलमान पती हिन्दू पत्नी को अच्छी नौकरी का लालच दर्शा कर अरब देश में बिकते हैं । एक लडकी का विक्रय कर उसे ५ लाख से २५ लाख रुपए प्राप्त होते हैं ।
११. अनेक बार ऐसे लडकियों को वेश्याव्यवसाय करने पर विवश किया जाता है ।
१२. जब लडकी के माता-पिता न्यायालय में अभियोग प्रविष्ट करते हैं, तब उस लडकी पर वशीकरण का प्रभाव होने से वह न्यायालय में उसके पती के पक्ष में बात करती है । कुछ समय पूर्व हरियाणा के मेवा एवं अंबाला में हुई घटनाओं से यह सिद्ध हो गया है ।
१३. ऐसी हिन्दू महिला पूरा जीवन असहायता से बिताती है ।
– निवेदक, हिन्दू स्त्री रक्षा समिति
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात