कार्तिक पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११६
लाहौर – पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में मंगलवार को उग्र भीड़ ने शादीशुदा ईसाई जोड़े की पीट-पीट कर हत्या कर दी। उसके बाद उनके शव को ईंट भट्ठे में झोंक कर जला डाला। घटना लाहौर से 60 किलोमीटर दूर कोट राधा किसन कस्बे की है। मरने वालों की पहचान शमा और शहजाद के तौर पर की गई है।
पुलिस अधिकारी बिन यमीन के मुताबिक, कुरान के अनादर से नाराज भीड़ ने पति-पत्नी पर हमला किया। उसके बाद उनके शवों को ईंट भट्ठे में ले जाकर जला दिया। भीड़ के अधिकतर लोग भट्ठे पर काम करते थे।
बॉन्डेड लेबर लिबरेशन फ्रंट पाकिस्तान ने शोध में बताया कि पाकिस्तान में ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर बहुत ही खराब हालत में रहते हैं। शोध के मुताबिक, पाकिस्तान में 45 लाख बंधुआ मजदूर हैं।
पंजाब सरकार ने बनाई जांच कमेटी
पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने इस बर्बर हत्याकांड की फास्ट ट्रैक जांच के लिए तीन लोगों की कमेटी बनाई है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा का मामला काफी संवेदनशील है। ईशनिंदा में दोषी पाए जाने पर पाकिस्तान के संविधान में मौत की सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में ज्यादातर पुलिस से पहले उग्र भीड़ ही आरोपी को कई बार बर्बर सजा दे देती है।
पिछले कुछ सालों में ईसाई महिला आसिया बीबी का मामला सुर्खियों में रहा है। आसिया पर आरोप है कि उसने एक मुस्लिम महिला के साथ बहस करते हुए पैगंबर मुहम्मद साहब के बारे में अपशब्द कहे थे। पाकिस्तान की अदालत ने नवंबर, 2010 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अभी तक उसे फांसी नहीं दी गई है। इसी साल जनवरी में मानसिक रोगों से पीड़ित एक ब्रिटिश व्यक्ति को ईशनिंदा के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। पिछले महीने ही जेल में सुरक्षागार्ड ने उसे गोली मार दी।
स्त्रोत : भास्कर