माघ अमावस्या , कलियुग वर्ष ५११४
प्रयागराज – ७ फरवरीको धर्मसंसदसे दो घंटे पूर्व महामंडलेश्वर स्वामी यतीन गिरिजी महाराजने कुंभनगरीमें अपने आश्रममें पत्रकार परिषद आयोजित की थी । इस अवसरपर उन्होंने विश्व हिंदू परिषदकी धर्म संसदमें भोजशालाके श्री सरस्वती मंदिरका विषय विचार-विमर्शके लिए रखने हेतु आग्रही भूमिका प्रस्तुत की ।
पत्रकार परिषदमें स्वामी यतीन गिरिजी महाराजने कहा कि यदि विश्व हिंदू परिषद हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंका प्रामाणिकतासे सम्मान करती है, तो धर्मसंसदमें स्वयं श्री सरस्वती मंदिरका विषय प्रस्तुत करेगी । धर्मसंसदसे एक दिन पूर्व विश्व हिंदू परिषदके केंद्रीय मार्गदर्शन मंडलकी बैठकमें भी इस विषयको बगल कर दिया था । मध्यप्रदेशमें भाजपा सरकारने श्री सरस्वती मंदिरको छावनीका स्वरूप दिया है । ’’
हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजीने कहा कि मध्यप्रदेशकी भाजपा सरकार मुसलमानोंकी चापलूसी करने हेतु माता सरस्वती देवीके मंदिरमें मुसलमानोंको नमाज पठनकी अनुमति दे रही है । केंद्रकी कांग्रेस सरकारद्वारा भी मुसलमानोंकी चापलूसीका प्रयास हो रहा है । यह मंदिर केंद्रसरकारके पुरातत्त्व विभागके अधिकारमें है । इसलिए इस मंदिरका उपयोग करनेकी अनुमति किसे देनी चाहिए यह कांग्रेस सरकार ही निश्चित कर सकती है; परंतु कांग्रेस सरकार जानबूझकर इस संदर्भमें मौन है । इस संदर्भमें श्रीकाशीसुमेरू पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वतीने चेतावनी दी है कि यदि १५ फरवरी वसंत पंचमीको सरस्वती मंदिरमें हिंदुओंको पूजा करनेकी अनुमति नहीं दी गई, तो उसका गंभीर परिणाम होगा । इस गंभीरताको जानकर सरकार इस विषयमें हिंदूहितका निर्णय ले तथा विश्व हिंदू परिषद भी हिंदुओंकी भावनाओंको जानें ।
इस अवसरपर श्री महंत स्वामी प्रबोधानंद स्वामी प्रबोधानंदगिरि महाराज, अखिल भारतीय सर्वमंगला संत समितिके राष्ट्रीय महासचिव स्वामी माधवानंद महाराज एवं माता सरस्वती मंदिर, भोजशाला मुक्ति यज्ञ समितिके राष्ट्रीय संयोजक श्री. नवलकिशोर शर्मा उपस्थित थे ।
क्षणिका : इस अवसरपर स्वामी माधवानंद महाराजने श्री.नवलकिशोर शर्मासे कहा कि वसंत पंचमीको मध्यप्रदेशकी भाजपा सरकारद्वारा हिंदुओंपर अन्याय न हो इसलिए कुंभमेलेमें आई अधिकांश संत मंडली भोजशालाकी ओर जाने हेतु सिद्ध है ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात