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विद्यालयों में बहुसंख्यक हिन्दू विद्यार्थी क्रिसमस क्यों मनाए ? – हिन्दू जनजागृति समिति

अलीगढ में विद्यालयों में क्रिसमस नहीं मनाएं, ऐसी चेतावनी देने के लिए हिन्दू संगठनों को दोषी मानना अत्यंत ही अनुचित है । भारत धर्मनिरपेक्ष देश है । इसलिए विद्यालयों में सरस्वतीपूजन और गणेशचतुर्थी मनाने हेतु विरोध किया जाता है; फिर उसी विद्यालय में क्रिसमस क्यों मनाना चाहिए ? आज भारत के सभी विद्यालयों में पढनेवाले विद्यार्थी बहुसंख्या में हिन्दू होते हैं । इन हिन्दू विद्यार्थियों का ईसामसीह (जीजस) और उनके क्रिसमस से क्या संबंध ? इसलिए हिन्दू जनजागृति समिति की मांग है कि, धर्मनिरपेक्ष देश में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा हेतु विद्यालयों में क्रिसमस न मनाया जाए ।

आजकल विद्यालयों में क्रिसमस को निमित्त बनाकर विद्यार्थियों को काल्पनिक सांताक्लॉज के रूप में भेटवस्तुएं दी जाती हैं । यह ईसाई पंथ का प्रचार और विद्यार्थियों का वैचारिक धर्मांतर करने समान है । आज विद्यालयों में श्रीमद्भगवद्गीता और योग सिखाना यानी शिक्षा का भगवाकरण, ऐसा आरोप किया जाता है । जबकि ईसाई कॉन्वेंट विद्यालयों में हिन्दू विद्यार्थियों को तिलक लगाना, शिखा (चोटी) रखना, चूडियां पहनना, मेंहदी लगाना आदि हिन्दू धर्म में की जानेवाली बातों पर पाबंदी लगाई जाती है । ऐसे में विद्यालयों में क्रिसमस मनाना पूर्णरूप से अनुचित है ।

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