शिवसेना की आक्रमक भूमिका के कारण फादरद्वारा क्षमायाचना !
सर्वत्र ऐसे हिन्दुुत्वनिष्ठ होने चाहिए !
मिरज : यहां के एक महाविद्यालय में बाइबल (नया करार) का वितरण करनेवाले ईसाईयों को शिवसेना के पदाधिकारियों ने रोका। साथ ही महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संस्थापकों को भी फटकारा ! शिवसैनिकों की आक्रमक भूमिका के कारण फादर को क्षमायाचना भी करनी पडी !
१. यहां की शिवसेना के श्री. आनंद राजपूत का लडका कु. शिवराज इस महाविद्यालय में पढता है। कु.शिवराज के ध्यान में आया कि दोपहर के समय ये सभी ईसाई लोग ‘नया करार’ का वितरण कर रहे हैं। उसने इस विषय में उसके पिताजी को दूरभाष कर बताया। (नया करार का वितरण हो रहा यह ध्यान में आने पर हिन्दुत्वनिष्ठों को तत्परता से जानकारी देनेवाले कु. शिवराज का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. तदुपरांत श्री. राजपूत ने महाविद्यालय के संस्थापकों को फटकारते हुए कहा कि, हम बच्चों को शिक्षा प्रदान करने हेतु विद्यालय भेजते हैं। उन्हें यदि धर्मपरिवर्तन की पुस्तकें दी जाती हैं, तो शिवसेना यह सहन नहीं करेगी। ऐसे अशैक्षणिक कार्य के लिए विद्यालय ने अनुमति दी कैसे ?’
३. तबतक शिवसेना के मिरज नगरप्रमुख श्री. चंद्रकांत मैगुरे, सर्वश्री किरण राजपूत, गजानन मोरे, अतुल रसाळ, दिलीप नाईक, संदीप शिंदे, शिवतीर्थ उत्सव समिति के श्री. सुधीर अवसरे के साथ अन्य शिवसैनिक भी संघटित हुए थे। उन्होंने फादर को स्पष्टीकरण पूछने पर उन्होंने संभलते हुए कहा कि, हम धर्मपरिवर्तन नहीं कर रहे थे, अपितु क्रिसमस (नाताल) की जानकारी दे रहे थे। अंत में शिवसैनिकों की आक्रमक भूमिका के सामने झुक कर फादर ने हिन्दुत्वनिष्ठों से क्षमायाचना की !
४. इस अवसर पर शिवसैनिकों ने भारी संख्या में ‘नया करार’ की पुस्तकें नियंत्रण में लीं।
५. श्री. आनंद राजपूत ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से ईसाईयोंद्वारा ऐसी घटनाएं होने की बात हम सुन रहे हैं। अन्य विद्यालयों के परिसर में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। संबंधित महाविद्यालय ने ‘नया करार’ के वितरण की अनुमति देना गंभीर प्रकरण है। हम जिलाधिकारी तथा शिक्षाधिकारी से इस संदर्भ में लिखित रूप में अपराध प्रविष्ट करेंगे। इस महाविद्यालय में हिन्दूविरोधी प्रकरण निरंतर होते रहते हैं !
६. शिवसेना के प्रबोधन के उपरांत अनेक युवाओं ने उन्हें वितरित की गई ‘नया करार’ की पुस्तकें फेंक दी, तो कुछ युवाओं ने उन्हें फाड दिया !
हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों ने मिरज के अन्य विद्यालयों के परिसर में ऐसी घटनाएं न हो, इस बात का ध्यान रखने का आवाहन किया है !
क्रिसमस (नाताल) त्यौहार पास में आते ही ईसाई मिशनरियोंद्वारा बार-बार ऐसी घटनाओं में वृद्धि होती है। पिछले कुछ वर्षों से सांगली तथा कुपवाड में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कुछ वर्ष पूर्व शिवसेना की कुपवाड शाखा ने ईसाई मिशनरियों को निकाल दिया था !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात