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. . . इसलिए शम्भू लाल रैगर ने कानून अपने हाथ में लिया – विमल द्धिवेदी, हिन्दू जागरण मंच

उन्नाव : शम्भू लाल रैगर की पत्नी के बैंक खाते में लगाये गए प्रतिबन्ध को मानवीय आधार पर हटाये जाने की मांग को लेकर हिन्दू जागरण मंच के प्रान्तीय मंत्री व प्रभारी विमल द्धिवेदी मंच के सैकड़ों पदाधिकारियों के साथ प्रधानमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। द्धिवेदी ने कहा कि, हिन्दू हितों के प्रखर चिंतक नरेन्द्र मोदी से हिन्दू जागरण मंच मांग करता है कि, इस मामलें में संविधान के दायरे में आवश्यक कार्यवाही की जाए। परंतु शम्भूलाल रैगर के असहाय, निरपराध परिवार के मानवाधिकार को भी ध्यान रखा जाए। मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी व कोई कमाने वाला नहीं। फिर भी लव जिहाद जैसे मुद्दों पर कुंभकरण नींद सोने वाला स्थानीय प्रशासन दमन पर उतरा है। क्या केवल हिन्दू होना ही इस परिवार का अपराध है। अतः केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें।

हिन्दू जागरण मंच ने अपने ज्ञापन में कहा है कि, एक दिन में यह मामला खतरनाक स्थिति तक नहीं पहुंचा है। इसके पूर्व हुए घटनाक्रमों को संज्ञान लेना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि, २०१० में १३ साल की एक स्थानीय लड़की को मोहम्मद बाबली शेख अपहरण कर मालदा, पश्चिम बंगाल, ले गया। शिकायत के बाद भी पुलिस ने हिन्दुओं की कोई मदद नहीं की। इसके बाद सन २०१२ में शम्भू लाल रैगर बंगाल गया और उस बच्ची की जिहादियों के हाथों से निकाल लाया। यहां पर भी पुलिस चुप रही। इस घटना के बाद से उसे राजसमन्द के बांग्लादेशी मुसलमान श्रमिकों द्वारा धमकाया और पीटा गया। परंतु इस समय भी पुलिस ने कोई मदद नहीं की। उन्हीं मुस्लिम श्रमिकों के एक समूह ने रेगर पर हमला किया। जिसमें उसकी हड्डियां टूट गई। मदद के लिए लगातार लगार्इ गर्इ उसकी गुहार को भी राज्य सरकार ने नजरअंदाज किया। चूंकि सरकार उन्हें और उनके परिवार की रक्षा करने में असफल रही। इसलिए रैगर ने कानून अपने हाथ में ले लिया।

अफराजुल ने रैगर के पूरे परिवार को मारने की कसम खाई थी। इसलिए ये आत्मरक्षा में उठाया गया कदम हैं। क्योंकि उसके पास अब कोई विकल्प शेष नहीं बचा था। आज रेगर का परिवार गरीबी के कारण अच्छा वकील करने में असमर्थ है उसकी बेटी भी मानसिक रूप से विक्षिप्त है। उन्होंने प्रश्न उठाया मानवाधिकार के ठेकेदार अब चुप क्यों हैं ? हिन्दू जागरण मंच ने कहा है कि, जब देश भर के जागरुक हिन्दुओं ने उसके परिवार के लिए कुछ पैसे जमा करने लगे तो राजस्थान सरकार ने उसके बैंक खाते को सीज कर दिया। यहां तक की पुलिस दानदाताओं को गिरफ्तार करने की धमकी दे रही है। यह कहां का न्याय है ?

उन्होंने इसके पीछे वामपंथी एवं जिहादी शक्तियों का हाथ बताते हुए कहा कि, उनका उद्देश हिन्दुओं का दमन धर्मातरण एवं आस्था पर चोट पहुंचाना है। ऐसे में हिन्दू पहली बार उससे कार्य के लिए एकजुट हुए हैं जिसमें प्रदेश की सरकार विफल हो चुकी हो। उन्होंने केंद्र सरकार से इसमें दखल देने की मांग की है।

स्त्रोत : पत्रिका

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