पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हंगू जिले में रहने वाले सिख समुदाय के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि, एक सरकारी अधिकारी उन्हें इस्लाम में धर्मांतरण के लिए बाध्य कर रहा है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रिपोर्ट दी है कि, सिख समुदाय के सदस्यों ने हंगू के उपायुक्त शाहिद महमूद को इसकी शिकायत की है। पाकिस्तान के नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन आॅथोरिटी के अनुसार, पाकिस्तान में लगभग छह हजार सिख हैं जो खैबर पख्तूनख्वा, संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्र (एफएटीए), सिंध, बलूचिस्तान, ननकाना साहिब, लाहौर और पंजाब के अन्य हिस्सों में रहते हैं। अपनी शिकायत में, फरीद चंद सिंह ने कहा है कि समुदाय के सदस्य १९०१ से इलाके में रह रहे हैं और किसी ने भी कभी उनका अपमान नहीं किया खासतौर पर मजहबी विश्वासों को लेकर।
उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया, ‘‘हम दोआबा इलाके के निवासियों को धार्मिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।” खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरहद अफगानिस्तान से लगती है। हंगू के उपायुक्त शाहिद महमूद ने कहा कि सिख समुदाय के सदस्य सहायक आयुक्त के साथ बातचीत से नाराज हो गए। सहायक आयुक्त का मतलब वास्तव में वो नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी को जबरन इस्लाम में धर्मांतरित करने जैसा कोई मुद्दा नहीं है बल्कि प्रशासन धार्मिक आजादी को सुनिश्चित करता है।
रिपोर्ट से चिंतित भारत के पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ सिखों के इस्लाम में कथित जबरन धर्मांतरण के मुद्दे को उठाने का मंगलवार को आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सुषमा स्वराज जी से आग्रह है कि पाकिस्तान के साथ मुद्दे को उठाएं। हम सिख समुदाय को इस तरह से पीड़ित होने नहीं दे सकते हैं। सिख पहचान के संरक्षण में मदद करना हमारा कर्तव्य है और विदेश मंत्रालय को उच्चतम स्तर पर उठाना चाहिए।’’ इसके जवाब में सुषमा ने कहा कि मामले को पाकिस्तान सरकार के साथ उच्चतम स्तर पर उठाया जाएगा।
स्त्रोत : जनसत्ता