हमारी पद्धति से उत्तर देंगे ! – शिवसेनाद्वारा चेतावनी
किला दुर्गाडी के मंदिर में भी आरती को विरोध
- हिन्दुओं को, हर समय धार्मिक बातों की रक्षा हेतु अग्रेसर रहनेवाली शिवसेना का ही आधार प्रतीत होता है !
- धर्मांधों की मुगलाई ! हिन्दुओं के धार्मिक स्थल पर एक-एक करते हुए हिन्दुओं के अधिकार अस्वीकृत करनेवाले धर्मांध अभीतक के शासनकर्ताओंद्वारा की गई उनकी चापलूसी के कारण ही हिन्दुओ के साथ उद्दंडता से व्यवहार करने का दु:स्साहस रखते हैं ! इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना अनिवार्य हुआ है !
कल्याण : २८ दिसंबर को कल्याण में शिवसेना की टिळक चौक शाखा में शिवसेनाद्वारा पत्रकार परिषद आयोजित की गई थी। उस समय शिवसेना के कल्याण जिला प्रमुख श्री. गोपाळ लांडगे ने कहा कि, ‘कल्याण के निकट श्री मलंगगड पर पुनः एक बार हिन्दुओं को प्रतिबंध लगाने का प्रकार आरंभ हुआ है। आरती करने के लिए प्रतिबंध किया जा रहा है, साथ ही कल्याण के किले दुर्गाडी पर स्थित देवी का मंदिर हिन्दुओं का है, इस बात की निश्चिती न्यायालय ने देने के पश्चात भी कुछ धर्मांधोंद्वारा अपप्रचार तथा दहशत फैलाई जा रही है। इस संदर्भ में पुलिस की ओर परिवाद प्रविष्ट किया गया है; पुलिस ने यदि कार्रवाई नहीं की, तो शिवसेना अपनी पद्धति से उत्तर देगी ! साथ ही अब आगे मलंगगड पर केवल वर्ष में एक बार ही नहीं, तो प्रतिमाह महाआरती करने का निर्णय घोषित किया है !’ पत्रकार परिषद के लिए शहरप्रमुख श्री. विश्वनाथ भोईर, श्री. दिनेश देशमुख, महिला अघाडी की श्रीमती विजया पोटे, परिवहन भूतपूर्व सभापती श्री. रवींद्र कपोते, श्री. दीपक सोनाळकर आदि उपस्थित थे।
श्री. लांडगे ने आगे ऐसा कहा कि, ….
१. हाजी मलंग बाबा ट्रस्ट के ‘लेटरहेड’पर एक प्रसिद्धीपत्रक प्रकाशित किया गया था। उसमें ऐसा लिखा गया है कि, ‘उस स्थान पर हिन्दू संघटनाएं उपस्थित रहती हैं। आरती करती हैं। अतः हिन्दु-मुसलमानों में अनबन पैदा की जा रही है। हिन्दू गड पर आकर आरती न करें। यदि आरती की, तो अधिनियम एवं सुव्यवस्था का प्रश्न निर्माण हो सकता है !’ किंतु ऐसा प्रसिद्धीपत्रक प्रकाशित करनेवाला ट्रस्ट पंजीकृत भी नहीं है !
२. मलंगगड ‘श्री पीर हाजी मलंग साहेब दर्गा न्यास’ इस नाम से धर्मादाय आयुक्तों की ओर पंजीकृत है। इस न्यास को ‘ई-६०’ ऐसा प्रमाणपत्र दिया गया है। तदनुसार ऐसा देवस्थान सभी धर्मियों के लिए खुला है। ऐसा होते हुए भी एक दूसरे ट्रस्ट ने उसकी रजिस्ट्री न होते हुए भी प्रसिद्धीपत्रक प्रकाशित कर हिन्दुओं का आना-जाना रहनेवाले मलंगगड पर हिन्दुओं को आरती, पूजन के लिए प्रतिबंध लगाया है !
३. इस के विरोध में हिल लाईन पुलिस थाने में शिवसेनाद्वारा परिवाद प्रविष्ट किया गया है। साथ ही उल्हासनगर पुलिस उपायुक्त से भेंट कर कार्रवाई की मांग की है; किंतु पुलिस ने कुछ भी कार्रवाई करने की अपेक्षा केवल आश्वासन दिया है !
४. मलंगगड पर २ जनवरी को पौष पूर्णिमा, १४ जनवरी को संक्राति के दिन तथा ३१ जनवरी को पालकी समारोह ये उत्सव मनाएं जाएंगे। अब आगे केवल उत्सव के समय पर ही गड पर जाने की अपेक्षा हर माह की पूर्णिमा को आरती आयोजित की जाएगी !
५. ट्रस्टीद्वारा किया जा रहा ऐसा अपप्रचार बंद करना चाहिए, अन्यथा उसका प्रतिबंध शिवसेना करेगी !
कल्याण के किले दुर्गाडी के मंदिर में भी आरती को प्रतिबंध
श्री. गोपाळ लांडगे ने आगे ऐसे कहा कि, कल्याण के दुर्गाडी को सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर का स्तर देकर ऐसा निर्णय किया कि, ‘यह हिन्दुओं का मंदिर है !’ मंदिर की पिछली दिवार के पीछे वर्ष में दो बार मुसलमान नमाजपठन करते हैं। इस दौरान यहां हिन्दुओं को प्रवेश करने के लिए प्रतिबंध लगाया जाता है। साथ ही मंदिर में आरती के लिए भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है ! मुसलमानोंद्वारा लगाया जा रहा यह प्रतिबंध अवैध है। सरकार ने मंदिर का क्षेत्र वक्फ बोर्ड के अधिकार में दिया। मुसलमानों का आना-जाना नहीं होने के कारण मंदिर का क्षेत्र वक्फ बोर्ड का नहीं हो सकता। फिर भी वक्फ बोर्ड ने कल्याण न्यायालय में यह क्षेत्र वक्फ बोर्ड के अधिकार में देने का परिवाद प्रविष्ट किया है। यह परिवाद वर्ष १९७६ से कल्याण न्यायालय में न्यायप्रविष्ट है। उसकी सुनवाई आगामी २ जनवरी को होगी। शिवसेना ने भी न्यायालय के पास ऐसी मांग की है कि, ‘यह क्षेत्र हिन्दुओं के आने-जाने का होने के कारण वक्फ बोर्ड के अधिकार में न दें !’ साथ ही शिवसेना ने ऐसी भी मांग की है कि, ‘ हिन्दू आरती कर धर्म में अनबन निर्माण नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें आरती का अधिकार अस्वीकृत करनेवाले लोग ही समाज में अनबन निर्माण कर रहे हैं। उसका प्रबंध पुलिस ने करना चाहिए !’ दुर्गाडी किले की हानि भी की गई है। उसकी मरम्मत एवं देखभाली का कार्य आरंभ किया गया है। ठेकेदार अकार्यक्षम होने के कारण उसमें देरी हो रही है। उस पर भी शिवसेना का बारीकी से ध्यान है !’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात