जब तक चीन इस्लामिक आतंकवाद से पीडित नहीं हुआ है, तब तक वह पाकिस्तान का बचाव करेगा ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
चीन ने सोमवार को कहा कि, अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर उंगली उठाए जाने और उसे आतंकवाद के साथ जोडने का वह विरोध करता है। साथ ही बीजिंग ने इसपर जोर दिया कि, आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी किसी देश विशेष पर नहीं डाली जा सकती है। पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने को लेकर इस्लामाबाद पर बढते अमेरिकी दबाव के बीच चीन ने उक्त बात कहते हुए अपने मित्र का समर्थन किया है।
तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में असफल रहने को लेकर अमेरिका ने सुरक्षा सहायता के रूप में पाकिस्तान को मिलने वाली दो अरब डॉलर की राशि पिछले सप्ताह निलंबित कर दी थी।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘चीन हमेशा से आतंकवाद को देश विशेष से जोड़ने के खिलाफ रहा है और हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की जिम्मेदारी किसी देश विशेष पर डालने पर भी राजी नहीं है।’’ लु कांग व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के बयान पर जवाब दे रहे थे, जिसमें अधिकारी ने कहा था कि चीन पाकिस्तान को यह समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है कि आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह के खिलाफ कार्रवाई करना उसके अपने हित में है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कई बार इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान ने वैश्विक आतंकवाद-निरोधी कार्रवाई की दिशा में बहुत बलिदान दिए हैं और महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं।’’ कांग ने कहा कि देशों को परस्पर सम्मान और आपसी सहयोग के जरिए आतंकवाद-निरोधी सहयोग को मजबूत करना चाहिए, नाकि एक-दूसरे पर उंगली उठानी चाहिए। यह दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे मुहिम के लिए सही नहीं है।
स्त्रोत : जनसत्ता