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हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता : मोहन भागवत

माघ शुक्ल १ , कलियुग वर्ष ५११४

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने बोड़ला में विशाल हिंदू संगम को संबोधित किया, सम्मेलन में लाखों आदिवासियों ने शिरकत की !

बोड़ला, कवर्धा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने आज यहां विशाल हिंदू संगम को संबोधित करते हुए कहा कि  हिंदू अपना बचाव तो करता है लेकिन दूसरों पर कभी आक्रमण नहीं किया।  हिंदू आतंकवादी नहीं है और जो इसे नहीं मानते हैं, वे  हिंदू संस्कृति को नहीं समझते ।

कवर्धा से 17 किलोमीटर दूर आयोजित विशाल हिन्दु संगम में दूरदराज से आये लगभग एक लाख आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए श्री भागवत ने इसाई मिशनरियों पर निशाना साधा और कहा कि हमारी सेवा करने के लिये किसी को बाहर से आने की जरूरत नहीं लेकिन जो लोग मतांतरित हो रहे हैं या हो चुके हैं, उन्हें वापस  हिंदू धर्म में लाना  हिंदू समाज की जिम्मेदारी है, उनका ध्यान रखना है । श्री मोहन भागवतने स्वामी विवेकानंद के संदेश का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदू ओं को अपना आत्मविश्वास नहीं टूटने देना चाहिये । सब में राम हैं, यह सोचकर भेद नहीं करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि भगवान ने भी असत्य के खिलफ लड़ने के लिये आदिवासियों का साथ लिया इसलिए सभी समस्याओं से लडने के लिये हम सभी को एक होना है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने देश और दुनिया के उत्थान और उसे सुखी बनाने का रास्ता दिखाया लेकिन आज देश में कई तरह की समस्यायें हैं जिनमें जात और धर्म का भेदभाव प्रमुख है। खुद पर विश्वास रखकर, एक रहकर इनका मुकाबला करना है, उनसे डरना नही है। श्री भागवत ने कहा कि सारी दुनिया को  हिंदूने ही ज्ञान दिया. भाषा, खान-पान, जात-पात होने के बावजूद हम एक-दूसरे के भाई हैं।  हिंदू वह है जो किसी भय को नहीं मानता, किसी का अपकार नहीं करता, हिंसा पर विश्वास नहीं करता। वह अपना बचाव तो करता है लेकिन दूसरों पर आक्रमण नहीं। हिंदू आतंकवादी नहीं है जो ऐसा नही मानते वे हिन्दु संस्कृति को नहीं जानते।

बताते चलें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस साल स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के तहत सार्धषती समारोह का आयोजन कर रहा है। इसी के तहत यह  हिंदू संगम आयोजित किया गया जिसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ से लगे सीमावर्ती इलाकों के लाखों आदिवासियों ने हिस्सा लिया ।

इसके पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि  हिंदूओंने विश्व को जीने और जीने दो का संदेश दिया। हिंदू हिंसा में विश्वास नहीं करता बल्कि उसे हिंसा से दुःख पहुंचता है। उन्होंने कहा कि हम सभी मनु की संतान हैं और यदि एक नहीं हुए तो देश बिखर जायेगा। आज देश व्यक्ति, समाज और धर्म में बंटा है जबकि ये तीनों बचेंगे, तभी हम बचेंगे। उन्होंने ऐसे हिंदू संगम सभी राज्यों में करते रहने का सुझाव दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ी में उदबोधन दिया और कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती विशेषकर बोड़ला में आयोजित यह आयोजन  हिंदू समाज के लिये प्रेरक का काम करेगा। उन्होंने बोडला की हजारों साल प्राचीन भारतीय संस्कृति की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को याद किया। उन्होंने कहा कि नौ साल तक सत्ता में रहकर लोगों की सेवा में ही लगे रहे। विशेषकर आदिवासियों की सेवा और विकास के लिये काम किया है, उनका हर तरह का विकास किया, आत्मसम्मान बढ़ाया है। कार्यक्रम का संयोजन प्रांत प्रचारक श्री दीपक विस्पुते ने किया।

समारोह स्थल में प्रांत संघचालक बिसराराम यादव, विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रामसेवक पैकरा, उच्च शिक्षा मंत्री श्री हेमचंद यादव, नगरीय निकाय मंत्री श्री राजेश मूणत, लोक निर्माण मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय मंत्री केदार कश्यप तथा विभिन्न समाजों के समाज प्रमुख  उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन विश्वेश्वर पटेल ने किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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