माघ शुक्ल १ , कलियुग वर्ष ५११४
हिंदुओंके मंदिरमें नमाज पढनेके विषयपर जानबूझकर मौन रहनेवाली विहिंप कहती है, हम हिंदू धर्मके लिए कार्य करेंगे !
प्रयागराज – यदि विश्व हिंदू परिषद हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंका प्रामाणिकतासे आदर करती है, तो वह धर्मसंसदमें माता सरस्वती मंदिरका विषय स्वयं प्रस्तुत करेगी । धर्मसंसदसे एक दिन पूर्व विहिंपके केंद्रीय मार्गदर्शक मंडलकी बैठकमें भी यह विषय नहीं लिया गया था । महामंडलेश्वर स्वामी यतीन गिरिजी महाराजने कुंभनगरीमें अपने आश्रममें आयोजित पत्रकार परिषदमें विहिंपकी तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि, मध्यप्रदेशमें भाजपा सरकारने सरस्वती मंदिरको छावनीका रूप दे दिया है । विहिंपकी धर्मसंसदमें भोजशालाकी माता सरस्वती मंदिरका विषय चर्चा हेतु आना चाहिए । ( धर्मसंसद आरंभ होकर दो दिन हो चुके हैं; परंतु अभीतक विहिंपने भोजशालाकी समस्यापर न चर्चा नहीं की है और न कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं है । यदि आगामी दिनोंमें भी विहिंप इस विषयपर मौन रहती, तो हिंदुओंकी धारणा बनेगी कि विहिंपका हिंदुत्व ढोंगी है । यदि ऐसा हुआ, तो इसके लिए विश्व हिंदू परिषद् ही उत्तरदायी होगी ! – संपादक )
विहिंप हिंदू भावनाओंको पहचानें ! – पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे
हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजीने कहा, ‘‘मध्यप्रदेशकी भाजपा सरकार मुसलमानोंकी चापलूसी करनेके लिए माता सरस्वती मंदिरमें मुसलमानोंको नमाज पढनेकी अनुमती दे रही है । केंद्रकी कांग्रेस सरकार भी मुसलमानोंकी चापलूसी कर रही है । यह मंदिर केंद्र सरकारके पुरातत्त्व विभागके अधिकारमें आता है । अतः, इस मंदिरका उपयोग कौन करेगा, यह कांग्रेस सरकार भी निश्चित कर सकती है । परंतु कांग्रेस सरकार जानबूझकर इस विषयपर मौन है । ( हिंदुओ, ध्यान रखिए कि भोजशाला पुरातत्व विभागके अधिकारमें है, यह कहकर सरस्वती मंदिरमें पूजा करनेकी अनुमति न देनेवाली भाजपा सरकार मुसलमानोंको नमाज पढनेकी अनुमति देती है ! – संपादक ) इस विषयमें श्रीकाशीसुमेरू पीठाधीश्वर जगत्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वतीने यह चेतावनी दी है कि, ‘१५ फरवरी वसंत पंचमीको सरस्वती मंदिरमें हिंदुओंको पूजा करनेकी अनुमति देनी ही चाहिए अन्यथा परिणाम गंभीर होंगे ।’ इस विषयकी गंभीरता समझकर सरकार इस विषयमें हिंदुओंके हितका निर्णय ले तथा विश्व हिंदू परिषद भी हिंदुओंकी भावनाओंको पहचाने ।’’
क्षणिकाएं : इस अवसरपर स्वामी माधवानंद महाराजने श्री. नवल किशोर शर्मासे कहा, ‘‘कुंभमेलाके अधिकांश संत वसंत पंचमीको भोजशाला जाने हेतु उद्यत हैं । ’’
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात