लंदन : एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और २००८ के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने ९० के दशक में ब्रिटेन का दौरा कर मुस्लिमों को जिहादी बनने के लिए उकसाया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक और अब जमात-उद-दावा नाम के आतंकी संगठन का सरगना सईद ने १९९५ में ब्रिटेन की मस्जिदों का दौरा किया था। उसके दौरे से जुड़ी रिपोर्ट तब लश्कर-ए-तैयबा की पत्रिका में छपी थी।
अपने ब्रिटेन दौरे के समय सईद ने बमिंघम में अपनी तकरीर में हिन्दुओं के विरोध में जहर उगला था और मुस्लिमों से ‘जिहाद के लिए तैयार होने’ की अपील की थी। बीबीसी रेडियो ४ ने ‘द डॉन ऑफ ब्रिटिश जिहाद’ (ब्रिटिश जिहाद का उदय) नाम से प्रसारित डॉक्युमेंट्री में बताया कि, लेस्टर में हाफिज के कार्यक्रम में ४००० युवाओं ने हिस्सा लिया था। कार्यक्रम के प्रड्यूसर्स में से एक साजिद इकबाल ने बीबीसी स्कॉटलैंड को बताया, ‘ब्रिटिश मुस्लिमों को उकसाने के लिए उसने लगातार जिहाद पर बात की।’
हाफिज सईद ने ग्लासगो की मुख्य मस्जिद में एक बड़ी रैली को संबोधित किया था और दावा किया था कि इजरायल के समर्थक ‘जिहाद की आत्मा और मुस्लिमों के पाक युद्ध को खत्म करने’ के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं। सईद ने रैली में कहा था, ‘वे मुस्लिमों को लोकतंत्र के जरिए सत्ता की राजनीति की तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। मुस्लिमों को कर्ज में डालने के लिए वे ब्याज-आधारित अर्थव्यवस्था का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।’
डॉक्युमेंट्री के प्रड्यूसर ने कहा कि उन्हें हैरानी हुई कि ग्लासगो की मुख्य मस्जिद ने एक ‘घोषित आतंकी’ के लिए अपने दरवाजे खोल दिए थे क्योंकि उस मस्जिद को देवबंदी चलाते हैं जो सईद के अहले हदीस समुदाय से अलग हैं। इकबाल ने कहा, ‘१९९५ में भी हाफिज सईद एक जाना-माना आतंकी था जो कश्मीर में सक्रिय था।’
ग्लासगो सेंट्रल मॉस्क ने रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है। खास बात यह है कि ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने मार्च २००१ में हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन घोषित किया था और १९९५ में हाफिज उसी लश्कर-ए-तैयबा के प्रमोशन के लिए ब्रिटेन गया था। हाफिज सईद २६ नवंबर २००८ को मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले का भी मास्टरमाइंड है। मुंबई हमले में १६६ लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स