श्री राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज को हरी झंडी दिखाए जाने के विरोध में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कार्यालय के बाहर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस कुछ कार्यकर्ताओं को अपने साथ ले गई। सुखदेव सिंह गोगामेरी के नेतृत्व में राजपूत संगठन के सदस्यों ने विवादित फिल्म की रिलीज की अनुमति देने पर सीबीएफसी कार्यालय के बाहर एकत्र होकर अपनी नाराजगी जाहिर की। करणी सेना के एक सदस्य जीवन सिंह सोलंकी ने आईएएनएस से कहा, “हम किसी भी स्थिति में देश में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। कुछ राज्य पहले से ही हम से सहमत हैं और इसलिए फिल्म को प्रतिबंधित कर चुके हैं। हम पूरे देश में फिल्म को प्रतिबंधित होते देखना चाहते हैं।”
सोलंकी ने कहा, “हम यही नहीं रुकेंगे, बल्कि हम प्रधानमंत्री से फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करने जा रहे हैं क्योंकि फिल्म राजपूत समुदाय की विरासत और संस्कृति को बर्बाद कर देगी। फिल्मकार ने राजपूतों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह संदेह को दूर करने के लिए फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज से पहले देखना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, “फिल्म में हमारे समुदाय को पूरी तरह से गलत दिखाया गया है। हम इस फिल्म को नहीं देखना चाहते। इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए।”
करणी सेना के प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि संगठन के सदस्य और अन्य राजपूत संगठनों के सदस्य भी यहां विरोध करने के लिए एकत्र हुए। सीबीएफसी ने पांच संशोधनों और फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ कर देने पर इसकी रिलीज को मंजूरी दी है। यह भारत में २५ जनवरी को रिलीज हो रही है, हालांकि यह राजस्थान में नहीं रिलीज होगी। सीबीएफसी ने तीन सदस्यीय सलाहकार पैनल से परामर्श के बाद फिल्म को यू/ए प्रमाणपत्र के साथ हरी झंडी दिखाई है।
स्त्रोत : जनसत्ता