लगता है मानवता, धर्मनिरपेक्षता यह शब्द केवल हिन्दुआें के लिए है । हिन्दुआें ने ही इसका पालन करना चाहिए । उन्होने न लव जिहाद पर आवाज उठानी चाहिए आैर न ही धर्मांतरण पर कुछ बाेलना चाहिए क्योंकि उन्हे इसका अधिकार नही है । चाहे भले ही उनकी बहु-बेटीयों को जिहादी उठाकर क्यों न ले जाए । आज हम बात कर रहे है कन्नौद की १४ वर्षीय नाबालिक लडकी की । जिसे आसिफ नाम का जिहादी बहला फुसलाकर भगा ले गया उसका धर्मपरिवर्तन कर उससे निकाह किया । यह जिहादी ना हमारे छोटी बच्चियों को छोडेंगे आैर न ही हमारे धर्म को । तो आखिर कब तक हिन्दू मानवता, धर्मनिरपेक्षता की पट्टी आखोंपर बांधकर जिएंगे । क्या हमारी बहन-बेटीयों की सुरक्षा के लिए हम आवाज नही उठाएंगे ? एेसे जिहादीयों को सबक सिखाने के लिए संगठित नही होंगे ? हिन्दुआे, अपनी बहन-बेटीयों को लव जिहाद तथा धर्मांधों की हवसी मानसिकता के विषय में सावध करें ।
क्या है मामला ?
घर के पास वाली चाय की होटल पर आए दिन आने वाले ट्रक चालक आसिफ उर्फ राजा ने मीठी-मीठी बातों में कन्नौद की १४ वर्षीय नाबालिग किशोरी को झांसे में लिया और नए कपडे दिलाने के बहाने उसे उज्जैन ले गया। यहां बेगमबाग स्थित उसके घर में किशोरी को बंधक बनाकर रखा। इसके बाद उसका धर्म परिवर्तन कराकर नाम बदलकर आयशा कर दिया और पहले से शादीशुदा राजा उर्फ आसिफ ने उससे निकाह कर लिया। उसके हाथ पर पहले से गुदा हुआ धार्मिक चिह्न बदलने के लिए राजा ने लडकी के हाथ पर एसिड डाला। छोटी आयु में ही उसे मां बना दिया।
चार साल की जिल्लत की जिंदगी के बाद गुरुवार को जैसे-तैसे किशोरी वहां से भागी और शाजापुर पहुंच गई। यहां हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता ने उसे हाईवे किनारे सिसकते देखा। कारण पूछा तो युवती की बात सुन रोंगटे खडे हो गए। पीडिता ने बताया घर के पास चाय की दुकान पर राजा अक्सर आता था। इस बहाने वह मुझसे बातें करने लगा और झांसे में लेकर नए कपडे दिलाने का कहकर एक दिन मुझे उज्जैन ले गया। उसके बेगमबाग उज्जैन स्थित घर ले जाकर बंधक बना लिया। वह पहले से शादीशुदा था। एक साल तक बंधक बनाकर मारपीट करता रहा। बाद में दबाव बनाकर मेरा नाम बदलकर आयशा कर दिया। पुरानी पहचान मिटाने के लिए राजा ने मेरे हाथ पर गुदा हुआ ओम का चिह्न मिटाने के लिए हाथ पर एसिड डाल दिया। मेरी पहचान आयशा के रूप में कराते हुए जबरदस्ती उसने मुझसे निकाह कर लिया। दो साल पहले एक बेटा भी हुआ है। बावजूद राजा, उसकी पत्नी और भतीजा मेरे साथ मारपीट करते।
९ जनवरी को कपडे सिलाई पर डालने के बहाने घर से निकली और भागकर शाजापुर आ गई। मामले को लेकर हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता किशोरी को लेकर एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान के पास पहुंचे। मामला २०१३ का बताया जा रहा है। लडकी कन्नौद थाने के पास के गावं खरदलीखेड़ा की रहने वाली है। एएसपी शाजापुर ज्योति सिंह ठाकुर ने कहा मामला सामने आने पर पीडिता के बयानों के आधार पर प्रकरण दर्ज कर डायरी देवास पुलिस को भेज दी।
थाने में बैठी किशोरी व दूसरे चित्र में ओम के चिह्न को इस तरह एसिड डालकर मिटाया।
मप्र धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में केस
वर्ष २०१४-१५ के बीच पीडिता का धर्म बदल दिया। उसके हाथ पर बने धार्मिक चिह्न को मिटाने के लिए एसिड से जलाने के निशान भी युवती ने बताए। कई बार तो इतनी मारपीट होती कि पड़ोस की महिलाओं ने बचाया। पुलिस ने मप्र धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत ४/३ और ३६३ में केस दर्ज किया है।
किशोरी का दो साल का बच्चा पीछे छूटा
यातनाओं से तंग आकर भागी किशोरी का दो साल का बेटा भी है लेकिन भागने के दौरान वह उसे घर पर ही छोड़ आई। पीडिता बताती है कि बच्चे के साथ अब पता नहीं क्या होगा। शाजापुर पुलिस ने उसे आश्वस्त किया कि पुलिस हरसंभव कार्रवाई करेगी। उसका बच्चा दिलाने का प्रयास करेगी।
राजा सहित दो अन्य पर आरोप
मामले में पुलिस द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट में पीडिता ने राजा के साथ उसके भतीजे अजहर पिता फिरोज और उसकी पत्नी फातिमा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। धर्म परिवर्तन और ज्यादती होने तक के सभी अपराधों में दोनों का शामिल होना बताया। पुलिस हर बिंदू पर जांच कर रही है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर