इस चित्र का उद्देश किसी की धार्मिक भावनाआें को ठेंस पहुंचाना नही है । अपितु अनादर क्या होता है यह सभी को ज्ञात हो इसलिए यह प्रकाशित किया है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
ढाका : नारायणगंज जिले के रुपगंज में धर्मांधों द्वारा श्री श्री रक्का काली मंदिर में घुसकर मुर्तियों की तोडफोड करने का मामला सामने आया है । धर्मांधों ने श्री श्री रक्का काली मां की मुर्ति का सर तोडा तथा अन्य मुर्तियों की भी तोडफोड की । मंदिर के पुजारी श्री. प्रफुल्ल रॉय इनके सामने ही मुर्तियों की तोडफोड की गर्इ । इस विषय में श्री. रॉय ने पुलिस को जानकारी दी । मौके पर पहुंची पुलिस की घटना की जांच की परंतु इस प्रकरण में उन्होने गुन्हा प्रविष्ट नही किया ।
इस घटना की जानकारी मिलते ही बांग्लादेश मायनॉरीटी वॉच के अधिवक्ता रवींद्र घोष अपने सहयोगी श्री. दिलीप रॉय एवं ‘हिंदु हेरिटेज फाऊन्डेशन’ के सचिव श्री. माणिकचंद्र शर्कार के साथ मिलकर मंदिर पहुंचे । उन्होने रुपगंज पुलिस थाने में जाकर मंदिर पर हुए इस आक्रमण की जांच करने की मांग की । इस के बात गुन्हा प्रविष्ट करने के लिए टालमटोल करनेवाली पुलिस ने गुन्हा प्रविष्ट किया ।
हिन्दू देवताआें की मुर्तियों की तोडफोड करनेवाले अपराधीयों को तत्काल बंदी बनाकर उनपर कानुनन कार्रवार्इ करने की मांग अधिवक्ता रवींद्र घोष ने की ।
बांग्लादेश में हिन्दू एवं हिन्दुआेंके श्रध्दास्थानों पर आए दिन लगातार धर्मांधोंद्वारा आक्रमण हो रहा है परंतु इसपर भारत के तथाकथित मानवतावादी कुछ नही बोल रहे है । हिन्दुआें, आज बांग्लादेश में हिन्दुआें के श्रद्धास्थानों के साथ जो हो रहा है वह भारत में होने के लिए समय नही लगेगा । कुछ प्रमाण में वह हो भी रहा है । भारत में बांग्लादेशी घुसपैठ बढ रही है । यदि एेसी घुसपैठ शुरु रही तो एक दिन भारत का बांग्लादेश बन जाएगा ।
आप क्या कर सकते है ?
१. हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की सहायता से बांगलादेशी हिन्दुआें की रक्षा हेतु अपने जिले/गांव में जिलाधिकारीयों को ज्ञापन प्रस्तुत करें ।
२. आनेवाले समय में स्वयं को ही अपनी एवं अपने मंदिरों की रक्षा करनी है, इस के लिए सिद्ध होने हेतु ‘स्वरक्षा प्रशिक्षण’ ले ।
३. भारत सरकारने रोहिंग्या मुसलमानाें को बाहर भेजने का निर्णय लिया है । रोहिंग्या मुसलमानाें के साथ ही भारत अवैध रुप से रह रहे बांगलादेशी घुसपैठीयाें को देश से निकालने की मांग करें ।
४. भारत के कर्इ राज्यों मे स्थित मन्दिरों का सरकारीकरण हुआ । उस सूची में तिरूपति बालाजी, गुरुवायूर मंदिर, सिद्धिविनायक मंदिर, शिर्डी का सार्इबाबा मंदिर आदि मंदिरों का समावेश है । मंदिरों को दी गर्इ दानराशि का बडा घोटाले भी सामने आ रहे है । इसिलिए सराकारीकरण किए गए मंदिरों को राज्य सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने हेतु कानून बनाने की केन्द्र सरकार से मांग करें !