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कराड (महाराष्ट्र) : ‘लव जिहाद जनजागृति पदयात्रा’ के लिए पुलिस ने अनुमति नहीं दी !

बिना किसी कारण इस पदयात्रा का विरोध करनेवालों की जांच करें ! – श्री. विनायक पावसकर, पश्‍चिम महाराष्ट्र समन्वयक, हिन्दू एकता आंदोलन

कराड (जिला सातारा, महाराष्ट्र) : अन्यत्र हुए दंगों का कारण आगे कर लव जिहाद पदयात्रा के लिए अनुमति अस्वीकार की जा रही है ! लव जिहाद का संदर्भ किसी भी जाति से संबंधित नहीं है। इस पदयात्रा के माध्यम से माता-बहनों में और घर-घर में जागृति करने का प्रयास था। माता-बहनों में जनजागृति करनेवाले इस पदयात्रा का विरोध क्यों किया गया, साथ ही बिना किसी कारण इस पदयात्रा का विरोध करनेवालों की जांच करें, ऐसी मांग हिन्दू एकता आंदोलन के पश्‍चिम महाराष्ट्र समन्वयक श्री. विनायक पावसकर ने पत्रकार परिषद में की।

हिन्दू एकता आंदोलन की ओर से कराड से सातारा तक निकाली जानेवाली लव जिहाद पदयात्रा के लिए पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इस संबंध में पावसकर गली के श्रीकृष्ण भवन में आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे।

कोरेगाव-भीमा की घटना के पश्‍चात तनाव बना हुआ है। अतः इस पार्श्वभूमि पर जिले में सद्भाव बना रहे, ऐसा कारण देते हुए पुलिस ने पदयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी।

इस अवसर पर हिन्दू एकता आंदोलन के संस्थापक-अध्यक्ष श्री. चंद्रकांत जिरंगे, श्री. विक्रम पावसकर, कार्याध्यक्ष श्री. राहुल यादव, जिला उपाध्यक्ष श्री. रूपेश मुळे, श्री. गणेश महामुनी, श्री. प्रकाश जाधव एवं गोरक्षक श्री. महेश जाधव उपस्थित थे।

प्राप्त आंकडों से यह स्पष्ट होता है कि सातारा जिले की अनेक युवतियां लव जिहाद के षडयंत्र की बली चढ गई हैं ! इस संकट की गंभीरता को पहचानकर इस संबंध में जनजागृति के लिए २० और २१ जनवरी को हिन्दू एकता आंदोलन की ओर से पदयात्रा और सभा का आयोजन किया गया था।

श्री. विनायकराव पावसकरद्वारा पत्रकार परिषद में उपस्थित किए गए सूत्र . . . 

१. केरल उच्च न्यायालय ने लव जिहाद के अस्तित्व को स्वीकार किया है !

२. पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के धर्मांध भारत के स्थानीय तथा अन्य धर्म के जात्यंध लोगों को साथ में लेकर हिन्दू धर्म पर आक्रमण कर रहे हैं। इसीका एक भाग के रूप में जिहादी प्रवृत्तियों के लोगों से हिन्दू युवतियां और महिलाओं को झूठे प्रेमप्रकरणों में फंसाया जाता है, साथ ही उनका बलपूर्वक धर्मांतर किया जाता है। यह पदयात्रा पाकिस्तान और बांग्लादेशी धर्मांधोंद्वारा चलाई गई जिहादी प्रवृत्ति के विरोध में है !

३. हमारे पास जिला में घटित लव जिहाद की घटनाओं का विवरण है। ये युवतियां यदि लव जिहाद की शिकार न बनीं हों, तो फिर वो कहां हैं ? और क्या वो जीवित हैं ?, इस संबंध में पुलिस प्रशासन स्पष्टीकरण दें !

४. इस पदयात्रा का नियोजन ३ मास पहले ही किया गया था और उसका अभ्यास भी किया गया था। प्रशासन इसे अवगत था; परंतु ऐसा होते हुए भी अंतिम क्षण में पदयात्रा के लिए अनुमति न दी जाने से हिन्दुत्वनिष्ठों में अन्याय होने की भावना उत्पन्न हुई है !

पदयात्रा के लिए अनुमति मिले, इसके लिए हिन्दू एकता आंदोलनद्वारा अनशन !

प्रशासन पदयात्रा के लिए अनुमति दे, इसके लिए २० जनवरी को कराड के दत्त चौक में हिन्दू एकता आंदोलन की ओर से लाक्षणिक अनशन किया जानेवाला है। संघटन के पदाधिकारियों ने कहा कि हमारी यह आग्रहपूर्ण मांग होगी कि लोकतंत्र में लव जिहाद जैसे अन्याय का निषेध करना सभी का अधिकार है ! अतः इस पदयात्रा के लिए अनुमति दी जाए।

पुरोगामी एवं मुसलमान संघटनों के साथ ही अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (अंनिस)द्वारा भी ‘लव जिहाद जनजागृति पदयात्रा’ को विरोध !

अंनिस का हिन्दूविरोधी चेहरा पुनः एकबार उजागर !

परिवर्तनादी संघटन समन्वय समिति के तौसिफ शेख, मुस्लिम जागृति अभियान, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (अंनिस), जामिया उलेमा-ए-हिन्द और विद्रोही सांस्कृतिक आंदोलन सहित अन्य कई संघटनोंद्वारा १८ जनवरी को पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत ज्ञापन में कहा गया है कि, ‘इस पदयात्रा के माध्यम से अयोग्य जानकारी दे कर विषैला प्रचार किया जा रहा है। ऐसे कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए !’

स्थानीय व्ही.एम. न्यूज समाचारवाहिनीद्वारा पदयात्रा के संदर्भ में दुष्प्रचार !

हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों की ओर से जाति-धर्मों में विभाजन करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। भाजपा और हिन्दू एकता आंदोलन की ओर से लव जिहाद जैसे विस्फोटक विषय को लेकर एक विशिष्ट समाज को ‘लक्ष्य’ बनाया जा रहा है ! स्थानीय व्ही.एम. न्यूज समाचारवाहिनी पर ऐसा समाचार प्रसारित किया गया। हिन्दुत्वनिष्ठों ने कहा कि इसी वाहिनी से कुछ मास पूर्व क्रूरकर्मी टीपू सुलतान की जयंति का उदात्तिकरण करनेवाला समाचार भी प्रसारित किया गया था !

पुरोमागी एवं धर्मांध/मुस्लिम संघटनोंद्वारा इस वाहिनी पर व्यक्त की गई प्रतिक्रियाएं

  • सातारा में एक भी युवती जिहाद के नामपर बली नहीं चढी है। लडकियों को उनकी १८ वर्ष की आयु के पश्‍चात व्यक्तिस्वातंत्र्य होता है ! मुसलमान समाज ऐसी पदयात्राओं को अधिक महत्त्व नहीं देता ! – मुस्लिम समाज की महिला प्रतिनिधि
  • लव जिहाद निषेध फेरी के लिए अनुमति नहीं देनी चाहिए। आवश्यकता पडने पर जाति-जातियों में विभाजन करनेवालों को पीटेंगे। लोगों के संयम का बांध टूट गया, तो सातारा में कहर बरसेगा ! – फारूखभाई पटनी, अध्यक्ष, मुस्लिम अल्पसंख्यक मोर्चा, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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