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स्वामी विवेकानंद की सीख आचरण में लानी चाहिए ! – संत शिओकांत, सिद्धाश्रम मठ, पुणे

चेन्नई में स्वामी विवेकानंद जयंति के उपलक्ष्य में कार्यक्रम

व्यासपीठ पर उपस्थितों को संबोधित करती हुई समिति की श्रीमती सुगंधी जयकुमार एवं अन्य मान्यवर

चेन्नई : स्वामी विवेकानंद के १५५ वे जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पुणे के सिद्धाश्रम मठ के प्रमुख संत शिओकांत ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने ऐसे कहा कि, ‘स्वामी विवेकानंद की सीख आचरण में लानी चाहिए। गौरवशाली सांस्कृतिक वारसा प्राप्त हुए भारत देश में उनका जन्म हुआ, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है !’

धर्मपालन करनेवाले हिन्दूत्वनिष्ठ कार्यकर्ता ही हिन्दू राष्ट्र का स्वप्न साकार कर सकते हैं ! – श्रीमती सुगंधी जयकुमार, हिन्दू जनजागृति समिति

श्रीमती सुगंधी जयकुमार ने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए हिन्दू राष्ट्र का महत्त्व विषद किया। उन्होंने कहा कि, ‘‘धर्मशिक्षण प्राप्त कर धर्मपालन करनेवाले हिन्दूत्वनिष्ठ कार्यकर्ता ही हिन्दू राष्ट्र का स्वप्न साकार कर सकते हैं। उसके लिए सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने संघटित होकर हिन्दुओं को धर्मशिक्षण देकर उनमें धर्मजागृति करना आवश्यक है। उसीसे ही वास्तव में परिवर्तन हो जाएगा !’’

इस अवसर पर शिवसेना के श्री. राधाकृष्णन, भारत हिन्दू मुन्नानी के श्री. आर. डी. प्रभु, अखिल भारत हिन्दू सत्य सेना के श्री. रामभूपती, हिन्दू मक्कल मुन्नानी के श्री. व्ही.जी. नारायणन, दक्षिण भारत हिन्दू महासभा के श्री. माणिकांदन एवं श्री. प्रभाकरन आदि मान्यवर उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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