केंद्र सरकार ने पद्म सम्मानों की घोषणा की है । इन पुरस्कारों में ७३ लोगों को पद्मश्री मिलेगा । इनमें आध्यात्म के लिए एक ऐसे संत को पद्मश्री के लिए चुना गया है, जिनके बारे में कई अद्भुत बातें प्रसिद्ध हैं । हम बात कर रहे हैं जयपुर के त्रिवेणी धाम के पीठीधीश्वर संत नारायण दास महाराज की !
कहा जाता है कि नारायण दास महाराज को उनके माता पिता ने छह साल की उम्र में भगवान दास महाराज की शरण में दे दिया था । नारायणदास अपने गुरू की दिन रात सेवा करते थे । उन्होंने गुरू से दीक्षा ली और भगवान की सेवा में लग गए ।
समूचे राजस्थान में संत नारायण दास जी महाराज का जन्म दिवस अश्विनी माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी यानी आज त्रिवेणी धाम में धूम-धाम से मनाया जाता है । नारायण दास महाराज ने संस्कृत के उत्थान के लिए संस्कृत यूनिवर्सिटी का निर्माण करवाकर सरकार को सौंप दिया था !
कुछ माह पहले ही नारायण दास महाराज के निधन की अफवाह फैली । वायरल मैसेज सोशल मीडिया पर आग की तरह फैला था । नारायण दास महाराज देखने में शतायु लगते हैं ।
इन्होंने अनेक जगह विद्यालय, महाविद्यालय और अस्पतालों का निर्माण कराया । साथ ही कई पुराने मंदिरों का जीर्णोंद्धार भी करवाया । इसके अलावा इन्होनें कई जगह सामाजिक हित के कार्यों में अपना योगदान दिया । महाराज के शिष्यों के अनेक सत्संग मण्डल सुचारु रूप से चल रहे है जहां हर सप्ताह राम नाम सत्संग होता है ।
स्त्रोत : अमर उजाला