- न ये कानून को मानते है आैर न ही उन्हे इस का भय है । ये तो केवल अपनी इच्छा से ही चलेंगे । चाहे वह देश का सन्मान करने की बात हो या महिलाआें का सन्मान करने की बात हो ।
- इस घटना पर अब क्या मुसलमान शरिया कानून के अनुसार इस व्यक्ती को सजा देने की मांग करेंगे ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
हापुड : तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय और इस प्रचलन को गैरकानूनी घोषित कर संसद से कानून बनाने की कवायद के बावजूद तीन तलाक के मामले थम नहीं रहे हैं । उत्तर प्रदेश के हापुड में पंचायत के फरमान के बाद एक महिला को जबरन उस व्यक्ति के साथ निकाह करना पडा, जिसने उसके साथ कथित रूप से बलात्कार किया था । उस महिला की मानसिक पीडा उस समय और बढ गई जब उसके पति ने बिना किसी वजह के उसे तीन तलाक भी दे दिया ।
पीडिता के चाचा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि निकाह के बाद उसकी भतीजी को उसके पति ने बुरी तरह शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडित किया । इसके बाद उसने तीन तलाक दे दिया । अपना दर्द बयां करते हुए पीडिता ने कहा, ‘मुझे और मेरे पिताजी को मेरे पति किसी सुनसान जगह पर ले गए । इसके बाद जबरन उन्होंने तीन तलाक के पेपर पर मेरा अंगूठा लगवाया और मेरे पिताजी के दस्तखत ले लिए । मैं चाहती हूं कि मुझे उचित न्याय मिले ।’
इस महिला ने अपने पति के विरोध में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है । इधर, हापुड़ के एसएसपी मोहन सिंह ने कहा, ‘हम मामले की जांच कर रहे हैं और कानून के अनुसार आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स