माघ शुक्ल २ , कलियुग वर्ष ५११४
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जमतालाहत (बंगाल) – भारत सेवाश्रम संघके संस्थापक जगद्गुरु स्वामी प्रणवानंद महाराजकी संन्यास दीक्षाके शतक महोत्सव वर्षके अवसरपर एवं हिंदू मिलन मंदिर आंदोलनके एक भागस्वरूप बंगालके २४ परगना जनपदमें स्थित शिओरतलामें तीन दिनका ‘प्रणवानंद युवा शिविर’ आयोजित किया गया था । शिविरार्थी हिंदुओंने वर्ष २०२५ तक हिंदू राष्ट्र स्थापित करने हेतु कार्य करनेका निश्चय किया ।
१. भारत सेवाश्रम संघके स्वामी प्रदिप्तानंद महाराजके मार्गदर्शनमें यह शिविर संपन्न हुआ । इस शिविरको बंगालके आर्य वीर दलका पूर्ण सहयोग मिला ।
२. भारतमें हिंदू राष्ट्र स्थापित करनेकी दृष्टिसे दिशा निश्चित करने हेतु १६० हिंदू इस शिविरमें सम्मिलित हुए थे ।
३. शिविरके प्रथम दिन गांवके लगभग ५०० स्थानीय हिंदुओंने भारत सेवाश्रम संघके स्वामी प्रदिप्तानंद महाराज, हालिशहर रामप्रसाद आश्रमके स्वामी शिवरूपानंद महाराज, आर्य वीर दलके आचार्य योगेश शास्त्री एवं ‘हिंदू एक्जिस्टेन्स’ जालस्थलके संपादक श्री. उपानंद ब्रह्मचारीका भव्य स्वागत किया । तत्पश्चात शोभायात्राद्वारा उन्हें शिविरस्थलपर लाया गया ।
४. शिविरके उद्घाटनके अवसरपर स्वामी प्रदिप्तानंद महाराजने भगवा ध्वज फहराया एवं स्वामी शिवरूपानंद महाराजने दीपप्रज्वलन किया । शिविरका आरंभ वेदमंत्र पठनसे किया गया ।
५. स्वामी प्रदिप्तानंद महाराजने अपने मार्गदर्शनमें राष्ट्रके प्रति कर्तव्यका महत्त्व बताकर शिविरार्थियोंको प्रेरणा दी ।
६. हिंदू जागरण मंचके श्री. दिलीप घोषने ‘हिंदुत्व अर्थात राष्ट्रीयत्व’ विषयपर मार्गदर्शन किया ।
७. इस शिविरमें योग एवं प्राणायाम, सात्त्विक अन्न, गुरुपूजन एवं गीता श्लोक पठनपर भी बल दिया गया ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात