माघ शुक्ल २ , कलियुग वर्ष ५११४
सुंदरगढ़ [जासं]। ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास किस कदर हावी है, इसका एक उदाहरण सोमवार देर रात नजर आया। गांव में होने वाली दुर्घटनाओं व अस्वाभाविक मौतों को ले एक ओझा के कहने पर तीन महिलाओं व एक पुरुष को निर्वस्त्र कर गाजे-बाजे के साथ पूरे गांव में घुमाया गया। मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली यह घटना सुंदरगढ़ जिले के मालपड़ा गांव में हुई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और चारों को मुक्त करा लिया। पुलिस ने तीन आरोपियों प्रफुल्ल वार्ला, सज्जन सोरेन और अनिल शा को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पूरे गांव में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों के अनुसार, गांव का २५ वर्षीय प्रफुल्ल वार्ला अपने को इसाई धर्म का प्रचारक बताता है। गांव में होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर ग्रामीणों की एक प्रार्थना सभा हुई। प्रार्थना के बाद प्रफुल्ल ने इन सबके लिए ६५ वर्षीय पातरास डुंगडुंग व तीन महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया। उसकी बात पर विश्वास करके ग्रामीणों ने चारों के साथ अमानवीय हरकतें कीं।
स्त्रोत – जागरण