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सेना पर प्रविष्ट अपराध त्वरित हटाकर काश्मीर में राष्ट्रपति राजवट लागू करें !

जळगांव में राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलन

चंदन गुप्ता का मुखवटा पहने हुए कार्यकर्ता

जलगांव : यहां की महानगरपालिका के सामने १७ फरवरी को राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलन आयोजित किया गया था । उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रशांत जुवेकर ने यह मांग की कि, ‘एक ओर भारतीय सेना पर पथराव करनेवाले ९ सहस्त्र ७३० देशद्रोहियों के अपराधों की ओर काश्मीर सरकार अनदेखा कर रही है, तो दूसरी ओर सेना ने आत्मरक्षा हेतु की गई कार्रवाही के समय दो पथराव करनेवाले देशद्रोहियों की हत्या हुई, इसलिए सेना पर अपराध प्रविष्ट किया गया । यह अत्यंत दुर्दैव की बात है तथा यह बात निषेधार्ह है । सेना सयंम खो देने से पूर्व ही काश्मीर में सेना पर प्रविष्ट किए गए अपराध त्वरित पीछे हटाएं तथा काश्मीर में राष्ट्रपति राजवट लागू करें ।’

यहां पढें : कौन था चंदन गुप्ता ? उसे किसने आैर क्यो मारा ?

आंदोलन स्थान पर देशभक्त चंदन गुप्ता के चेहरे का मुखवटा परिधान किए ३ कार्यकर्ता सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे । इन कार्यकर्ताओं के गले में फलक लटकाएं थे । उन पर इस प्रकार के ज्वलंत विचार प्रकाशित किए गए थे कि, ‘यदि हमारे राजनेताओं ने पाकिस्तान के साथ निष्ठावंत रहनेवालों को पहले ही बंदी बनाया होता, तो शायद चंदन गुप्ता आज जीवित होता । क्या इस देश में तिरंगा ध्वज हाथ में पकडनेवालों को आज बंदुक की गोलियों का सामना करना पडेगा ?’

यहां पढें : चंदन की मृत्यु पर उनके पिताजी ने क्या कहां ?

इस आंदोलन के लिए विश्व हिन्दु परिषद, बजरंग दल, जय माता दी ग्रुप, सिंधु सेना, शिवस्मारक समिति (भुसावळ), जय भवानी ग्रुप, सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति इत्यादि हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता, साथ ही नांद्रा, खेडी-कडोली, पाळधी इत्यादि गांवों से धर्मप्रेमी अधिक उत्साह से सम्मिलित हुए थे । आंदोलन के पश्चात् हिन्दूत्वनिष्ठों ने यहां के उपजनपदाधिकारी श्री. राहुल मुंडके को भी उपर्युक्त मांगों का निवेदन प्रस्तुत किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


सैनिकों पर प्रविष्ट किए गए अपराध निरस्त करें ! – हिन्दूत्वनिष्ठ संगठन

नंदुरबार में राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलन !

राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलन में सम्मिलित हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता

नंदुरबार : यहां के नेताजी सुभाषबाबु चौक में १८ फरवरी को आंदोलन किया गया । आंदोलन में ये मांगे की गई कि, ‘काश्मीर की सेना पर प्रविष्ट किए गए अपराध त्वरित निरस्त करें, तिरंगा यात्रा पर पथराव करनेवालों पर तथा देशद्रोही घोषणा देनेवालों पर कडी कार्रवाही करें ।’ इस आंदोलन के समय कासगंज जनपद की ‘तिरंगी यात्रा’ पर धर्मांधों द्वारा किया गया पथराव, ‘पाकिस्तान झिंदाबाद’ की घोषणा तथा तिरंगा की अनादर, साथ ही अभाविप के चंदन गुप्ता की हत्या का निषेध किया गया ।

इस समय की गई मांगे इस प्रकार हैं . . .

१. देशविरोधी घोषणा देनेवालों पर कडी कार्रवाही करने हेतु नया अधिनियम पारित करें ।

२. उत्तरप्रदेश राज्य के ‘शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड’ के अध्यक्ष वसीम रिजवी का ‘मदरसों में आतंकवादी निर्माण होते हैं’, यह वक्तव्य अत्यंत गंभीर है । अतः केंद्र शासन त्वरित उसकी ओर ध्यान दें ।

३. आंदोलन के माध्यम से रणरागिणी शाखा की कु. प्रियांका सपकाळे, हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल तथा राजु चौधरी ने ये मांगे की कि, मदरसों में की जानेवाली देशविरोधी कार्यवाही की जांच करने हेतु स्वतंत्र तंत्र स्थापन करना चाहिए ।

इस आंदोलन में पृथक हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता तथा धर्मप्रेमी अधिक उत्साह से सम्मिलित हुए थे ।

क्षणिकाएं

आंदोलनस्थल के निकट एक धर्मांध के दुकान के पास ४० से ५० धर्मांध आंदोलन के समय इकट्ठा हुए थे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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