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धर्मार्थ चिकित्सालयोंपर नियंत्रण रखने हेतु नियुक्त डॉ. लहाने समिति विगत ३ वर्षों से निष्क्रिय ! – संतोष देसाई

आंदोलन में विषय रखते हुए श्री. संतोष देसाई

सांगली : धर्मार्थ चिकित्सालयों की कार्यपद्धतिपर नियंत्रण के लिए शासन की ओर से डॉ. तात्यासाहेब लहाने की अध्यक्षता में विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति का गठन किया गया था । इसके द्वारा धर्मार्थ चिकित्सालयों में निर्धन रोगियों के लिए चलाई जा रही योजनाआें का उनको लाभ मिलना अपेक्षित था; परंतु दुर्भाग्यजनक बात यह कि इस समिति ने विगत ३ वर्षों में एक भी चिकित्सालय की पडताल नहीं की अथवा इस संबंध में शासन को किसी भी प्रकार का ब्यौरा नहीं दिया । इस संबंध में शासन द्वारा की जा रही उपेक्षा चिंताजनक है । इस पृष्ठभूमिपर इन विशेषज्ञ डॉक्टरों का जानबूझकर निष्क्रिय रहना तथाा शासन द्वारा इसके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाना, यह उससे भी गंभीर बात है । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. संतोष देसाई ने ऐसा मत व्यक्त किया । १७ फरवरी को यहां के मारुति चौकपर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से चलाए जा रहे सुराज्य अभियान के अंतर्गत आंदोलन में वे बोल रहे थे । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था के ५० से भी अधिक कार्यकर्ता उपस्थित थे । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. मंदार पाटुकले ने आंदोलन का सूत्रसंचालन किया ।

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती मधुरा तोफखाने ने कहा, ‘‘हिन्दू जनजागृति समिति के तत्त्वावधान में अप्रैल २०१७ तथा दिसंबर २०१७ में राज्य शासन द्वारा सहायित धर्मार्थ चिकित्सालयों का प्रत्यक्ष अवलोकन कर अध्ययन करनेपर ऐसे कई चिकित्सालयों में प्रशासनिक योजनाआें की प्रसिद्धी ही नहीं की जाती, ऐसा ध्यान में आया । इस संदर्भ में हम मुख्यमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री आैर जिलाधिकारी को निवेदन सौंपनेवाले हैं । हमने आज इस आंदोलन के माध्यम से पहला कदम उठाया है ।

क्षणिकाएं

  • फेसबुक लाईव के माध्यम से आंदोलन का सीधा प्रसारण किया गया ।
  • इस अवसरपर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसका नागरिकों द्वारा उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ ।
  • रास्ते से आने-जानेवाले अनेक नागरिक रुककर विषय को सुन रहे थे ।

इस अवसरपर की गई अन्य मांगें

१. इस समिति का काम पारदर्शी हो; इसके लिए इस समिति के का कार्य का ब्यौरा, जांच ब्यौरा तथा की गई कार्यवाही की जानकारी प्रसिद्धि के लिए प्रसारमाध्यमों को दी जाए ।
२. इन धर्मार्थ चिकित्सालयों द्वारा यदि सामान्य रोगियों की शिकायतों का समाधान नहीं किया जा रहा हो, तो इस प्रकार की व्यवस्था की जाए कि रोगी अपनी शिकायतें सीधे इस विशेषज्ञों की समिति के पास भेज सकें ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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