नई देहली : आतंकी ग्रुप्स को फंडिंग के मामले में पाकिस्तान को बुहत बडा झटका लगा है । आतंकी फंडिग पर नजर रखने वाली एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया है । ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर टेरर फंडिग के लिए कडी निगरानी रखी जाती है । बता दें कि इससे पहले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को सफाई देने के लिए ३ महीने का समय दिया था ।
चीन ने भी वापस ली आपत्तियां
तीन दिनों से पेरिस में चल रही इस बैठक में पाकिस्तान पर आतंकवाद के विरुद्ध शिकंजा कसे जाने को लेकर चर्चा की जा रही थी । पाक पर यह कदम अमेरिका द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर उठाया गया है । सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के विरोध में अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का भारत, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने समर्थन किया । वहीं, पाकिस्तान का हमेशा समर्थन करने वाले चीन ने भी उसका साथ छोडते हुए प्रस्ताव पर अपनी आपत्तियां वापस ले लीं । अब निर्णय की आधिकारिक घोषणा होना बाकी है ।
अमेरिका ने रोकी १६२५ करोड की मदद
पाकिस्तान को अमेरिका से दी जाने वाली १६२५ करोड रुपए की सैन्य मदद पहले ही डोनाल्ड ट्रंप रोक चुके हैं । अमेरिका लश्कर-ए-तैय्यबा के चीफ आतंकी हाफिज सईद के विरुद्ध कार्रवाई न करने से काफी नाराज है । भारत और अमेरिका दोनों देश सईद को मुंबई हमलों के मास्टर माइंड मानते हैं । हाफिज सईद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करके उसके सिर एक करोड रुपए का ईनाम भी रखा गया है ।
एफएटीएफ को नहीं समझा पाया पाक
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान पिछले ३ महीने से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को यह समझाने में लगा था कि उसे आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक्शन लिया है । परंतु पाकिस्तान ऐसा समझाने में नाकाम रहा है । न्यूज एजेंसी के अनुसार पाकिस्तान सरकार की ओर से इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है । बता दें कि एफएटीएफ का यह कदम पाकिस्तान के लिए बहुत बडा झटका है, क्योंकि इसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था पर होगा । पाकिस्तान के इस लिस्ट में शामिल हो जाने पर उसे दुनियाभर के देशों से व्यापार करने और फंड जुटाने में दिक्कत आएगी ।
जून में फिर होगी समीक्षा
पाकिस्तान ने मंगलवार को दावा किया था कि FAFT की मीटिंग में उसे तीन महीनों का समय दिए जाने का निर्णय हुआ है, परंतु गुरुवार को पाकिस्तान के इस दावे पर उस समय सवाल खडे हो गए थे जब अमेरिकी मीडिया के हवाले से यह खबर सामने आई कि आखिरी निर्णय होना अभी बाकी है । सूत्रों के अनुसार, अमेरिका के दवाब में इस प्रस्ताव पर फिर से वोटिंग कराई गई जिसमें ज्यादातर देशों ने पक्ष में वोट डाला । पाकिस्तान को फिलहाल तीन महीने के लिए ‘ग्रे लिस्ट’ डाला गया है । जून में एक बार फिर इसकी समीक्षा की जाएगी ।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर