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जानिए श्रीलंका में ईसाई पादरीद्वारा हिन्दुओं का होनेवाला धर्मांतरण रोकने के लिए धर्माभिमानी हिन्दुओं कैसे किए प्रयास

श्री. मरवनुलावु सच्चिदानंदजी के नेतृत्व में हिन्दुओंका संघटित कार्य

क्या भारत के हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन और जन्महिन्दू श्रीलंका के धर्माभिमानी हिन्दुओं से कुछ सीख लेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात

श्रीलंका : हाल ही में श्रीलंका के माणिक थोट्टम गांव में एक ईसाई पादरी अपने सहयोगियों के साथ गए थे । उन्होंने उस गांव में हिन्दुओं का धर्मांतरण करने के उद्देश्य से प्रवेश किया था । उनके वाहन में दिनदर्शिका, दैनंदिनी, भेंटवस्तुएं, अनाज आदि वस्तुएं भरी हुई थीं ।

संयुक्त राष्ट्र संघ के श्रीलंका के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं ६४ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त श्री. मरवनपुलावु सच्चिदानंजी के नेतृत्व में गांव के हिन्दुओं ने लगभग १ सहस्र घरोंपर फलक लगाकर यह संदेश लिखा था कि यह भगवान शिवजी की भूमि है । अतः कोई भी व्यक्ति धर्मांतर के उद्देश्य से इस गांव में प्रवेश न करें । इसके साथ ही हर घर के सामने भगवान नंदी का ध्वज खडा किया गया था ।

उस ईसाई पादरी ने इन फलकों को पढकर आसपास के लोगों से संपर्क कर वहां की स्थिति जान ली । उसके पश्‍चात वे अपनी सामग्रीसह वापस लौट गए । तब से इस गांव में किसी ने धर्मांतर के उद्देश्य से प्रवेश नहीं किया है ! गांव के एक नागरिक श्री. सिवानेसन् ने ऐसी जानकारी दी ।

गांव में लगाए गए सभी फलक एवं ध्वज मूलरूप से श्रीलंका के एक विदेशी व्यक्ति ने प्रायोजित किए थे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


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