Menu Close

भारतीय संविधान में हिन्दू धर्म के लिए संरक्षण न होने से हमें हिन्दू राष्ट्र चाहिए ! – श्री. चेतन राजहंस

कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) के जिला बार असोसिएशन में प्रवचन

अधिवक्ताओं के सामने विषय प्रस्तुत करते हुए श्री. चेतन राजहंस तथा उनकी बाईं ओर समिति के श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी

पडरौना, कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) : विश्व के सभी देशों में उनके संविधान के माध्यम से वहां के बहुसंख्यकों का धर्म, संस्कृति, भाषा और हित को संरक्षण दिया गया है; परंतु भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां बहुसंख्य होते हुए भी हिन्दुओं को संविधान के माध्यम से किसी भी प्रकार का संरक्षण नहीं दिया गया है ! इसके विपरीत भारतीय संविधानद्वारा अल्पसंख्यकों के पंथ, संस्कृति, भाषा और हितों को संरक्षण दिया गया है । यह संविधान के समानता (राईट टू इक्वॅलिटी) के मूल तत्त्व के विपरीत है !

भारतीय संविधान में हिन्दू धर्म के लिए किसी भी प्रकार का संरक्षण न होने से संख्या से १०० कोटिवाला यह हिन्दू समाज गौण जीवन जी रहा है । विद्यालयों में हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा देने पर प्रतिबंध है । हिन्दू छात्रों को विद्यालयों में सरस्वतीपूजन की अनुमति नहीं है । इसके विपरीत अल्पसंख्यकों को उनके शिक्षासंस्थानों में उनके पंथ की शिक्षा देने की पूर्ण अनुमति है । हिन्दुओं का परमहित साधने के लिए भारत को संविधान के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र बनाना अपेक्षित है तथा इस कार्य में प्रबुद्ध समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाले अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण सिद्ध होनेवाला है !

सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में कुशीनगर बार असोसिएशन की ओर से आयोजित अधिवक्ताओं के कार्यक्रम में बोलते हुए ऐसा प्रतिपादित किया । इस अवसर पर उपस्थित अधिवक्ताओं ने कुशीनगर बार असोसिएशन में हिन्दू राष्ट्र-जागृति से संबंधित और एक कार्यक्रम तथा धर्मजागृति के लिए प्रदर्शनी के आयोजन की इच्छा व्यक्त की । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश-बिहार समन्वयक श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी ने सभी को समिति के कार्य से अवगत कराया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *