बगदाद : इराक की एक न्यायालय ने तुर्की की १६ महिलाओं को आतंकी संगठन ISIS ज्वाइन करने पर फांसी की सजा सुनाई है । अगस्त में आतंकियों के विरुद्ध ऑपरेशन शुरू करने के बाद से ही इराकी सेना अबतक सैकडों महिलाओं को गिरफ्तार कर सुनवाई के लिए न्यायालय में पेश कर चुकी है । अधिकारियों ने बताया कि अबतक लगभग १७०० महिलाओं को आईएस की मदद के लिए पकडा जा चुका है । सेंट्रल क्रिमिनल न्यायालय के जज अब्दुल-सत्तार अल-बिर्कदार के अनुसार, सजा का एलान तब किया गया जब ये साबित हो गया कि महिलाएं दाएश (ISIS) आतंकियों से जुडी हैं या फिर उन्होंने खुद आतंकियों से शादी और हमलों में मदद की बात कबूली । हालांकि, उन्होंने बताया कि न्यायालय के फैसलों पर अपील की जा सकती है ।
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बता दें कि इराक और सीरिया में आईएस के कब्जे के बाद से ही हजारों विदेशी नागरिक आतंकी बनने के लिए इन देशों में आ चुके हैं । २०१४ से ही कई विदेशी महिलाएं भी इस संगठन के साथ जुड चुकी हैं । अगस्त में इराकी सेना के ऑपरेशन के बाद लगभग १३०० महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ सरेंडर कर दिया था । देश से आईएस के पैर उखडने के बाद अबतक लगभग १७०० विदेशी महिलाएं सेना के सामने सरेंडर कर चुकी हैं या गिरफ्तार हुई हैं ।
पिछले सप्ताह भी न्यायालय ने तुर्की की एक महिला को मौत की सजा सुनाई थी । वहीं १० और देशों की महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी । लगभग एक महीने पहले एक जर्मन महिला को मौत की सजा सुनाई गई थी । वहीं, दिसंबर में एक रूसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई थी ।
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दिसंबर २०१७ में हुआ था ISIS के खात्मे का एलान
इराक ने पिछले वर्ष दिसंबर में आईएस पर जीत का एलान कर दिया था । इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने एलान किया था कि सेना ने सीरिया से लगे बॉर्डर को भी पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया है । आईएस ने २०१४ में इराक के बडे हिस्से पर कब्जा कर लिया था । इस दौरान आतंकियों ने हजारों महिलाओं और मासूमों को मौत के घाट उतार दिया था ।अपने ३ वर्ष से ज्यादा के शासन में आईएस ने इराक को तबाह कर दिया था । लाखों लोग आतंकी हमलों से बचने के लिए अपने घरों को छोड़कर भागने को मजबूर हुए थे ।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर