मुंबई : हाल ही में यह बात स्पष्ट हुई है कि, करोडों श्रद्धालुओं का श्रद्धास्थान रहे प्रभादेवी के श्री सिद्धीविनायक मंदिर में भूतपूर्व न्यासियों ने लक्षावधी रुपएं का अपहार किया है। श्रद्धालु जनताद्वारा श्रद्धा से अर्पण किया गया निधी लूटनेवाले इन भ्रष्ट विघ्नासुरों के विरोध में जनजागृति हो साथ ही अपराधियों पर कडी वैधानिक कार्रवाई हों, इसलिए श्री सिद्धीविनायक मंदिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार विरोधी कृति समिति की ओर से २५ फरवरी को दोपहर ४ से सायंकाल ६ बजे तक हस्ताक्षर अभियान आयोजित किया गया था।
श्री सिद्धीविनायक मंदिर के बाहर आयोजित किए गए हस्ताक्षर अभियान में सैंकडों श्रद्धालुओं ने सम्मिलित होकर मंदिर में हुए इस भ्रष्टाचार के विरोध में संघटित होने का निश्चय व्यक्त किया !
इस मंदिर के बाहर प्रबोधन करनेवाले हस्तफलक हाथ में लेकर कृति समिति के कार्यकर्ताओं ने मंदिर में दर्शन हेतु आए श्रद्धालुओं का मंदिर के न्यासियोंद्वारा किए गए भ्रष्टाचार से अवगत करा कर प्रबोधन किया एवं भ्रष्टाचार के विरोध में संघटित होकर प्रतिकार करने का आवाहन भी किया। इससे पूर्व भी श्री सिद्धीविनायक मंदिर का भ्रष्टाचार उजागर करनेवाली निवृत्त न्यायमूर्ति टिपणीस समिति के सूचनाओं पर कार्रवाई हो, भ्रष्ट न्यासियों पर फौजदारी परिवाद प्रविष्ट हो, उनसे अपहार किये गए देवनिधी की सव्याज आपूर्ति हों, आदि मांगों के ज्ञापन पर उस समय सैंकडों श्रद्धालुओं ने हस्ताक्षर किए !
श्री सिद्धीविनायक मंदिर भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति ने २० फरवरी को पत्रकार परिषद आयोजित कर मंदिर का भ्रष्टाचार उजागर किया। उसमें मंदिर के नियमों में यात्रा को अनुमति न होते हुए भी अभ्यासयात्रा के नाम पर लक्षावधी रुपएं उड़ा कर यात्रा करना, झूठे देयक देना, नियमबाह्य विविध संस्थाओं में लक्षावधी रुपयों का निधी बांटना आदि मंदिर में घटे अपप्रकार उजागर किए गए। उसके विरोध में आंदोलन करने की चेतावनी भी समितिद्वारा दी गई थी। आज जनजागृति हेतु हस्ताक्षर अभियानद्वारा इस आंदोलन को प्रारंभ किया गया है। समितिद्वारा कहा गया है कि, इसके आगे भी इस भ्रष्टाचार के विरोध में अधिक तीव्र आंदोलन आयोजित किया जाएगा !
श्री सिद्धीविनायक मंदिर ट्रस्ट भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति ने आवाहन किया है कि, ‘श्रद्धालुओं ने मंदिर में श्रद्धा एवं भक्तिभाव से अर्पित किए गए देवनिधी का अपहार करना अर्थात एक प्रकार से श्रद्धालुओं की श्रद्धा पर ही आघात करना है। अतः समस्त श्रद्धालु एवं नागरिकों ने इस आंदोलन में सम्मिलित होना चाहिए !’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात