कांची कामकोटी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती का आज प्रातः देहावसान हुआ । शंकराचार्य के देहावसान से हिन्दू समाज पर से कृपाछत्र उठ गया है । आजतक हिन्दू समाज के लिए उन्होंने जो योगदान किया है, उसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति उनके प्रति कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त करती है, यह श्रद्धांजलि हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक तथा सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे जी ने हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से दी है ।
शंकराचार्य ने हिन्दू समाज के उद्धार के लिए अविरत भारत-भ्रमण किया; वेदपारायण, गोसंवर्धन, अन्नदान, वृद्धाश्रम आदि विविध कार्य आजीवन करते रहे । उन्होंने धर्मशास्त्र के विषय में मार्गदर्शन कर, हिन्दू समाज को समय-समय पर दिशा दी थी । इस प्रकार, उनका हिन्दू समाज पर अनंत उपकार हैं । इस उपकार का ऋण चुकाना सदैव असंभव है ! हिन्दू जनजागृति समिति के प्रति जगद्गुरु शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती का विशेष प्रेम था । वर्ष २००३ में उनका शंकराचार्य पद पर आरूढ होने का ५० वां वर्ष पूर्ण होने के निमित्त हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से फोंडा, गोवा में सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया था । उस सभा में शंकराचार्य उपस्थित हुए थे ।
हिन्दू जनजागृति समिति का महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून के विरुद्ध अथवा मंदिर सरकारीकरण कानून के विरुद्ध आंदोलन हो, ऐसे अनेक आंदोलनों और उपक्रमों को शंकराचार्यजी ने आशीर्वाद दिया था । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दू जनजागृति समिति अनेक वर्षों से अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन आयोजित कर रही है । इस अधिवेशन को वे प्रत्येक वर्ष आशीर्वाद-पत्र और संदेश भेजते थे । इसी प्रकार, हिन्दुआें को धर्मशिक्षा मिले, इस हेतु हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से निर्मित सत्संग चक्रिका माला (व्हिडीआे सीडी), धार्मिक कृत्योंका शास्त्र, दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध श्री शंकरा वाहिनी पर दिखाने के लिए शंकराचार्य ने सहायता की थी । इसलिए, हिन्दू समाज को धर्मशिक्षित कर, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना ही, शंकराचार्यजी को खरी श्रद्धाजंलि होगी । इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति सदैव प्रयत्नरत रहेगी !