माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११४
१ करोडों श्रद्धालुओंने किया कुंभमेलामें अंतिम पवित्र स्नान !
पवित्र स्नान समाप्त होनेपर कुंभनगरीमें वर्षा का आगमन !
प्रयागराज – महाकुंभमेलामें १५ फरवरीको वसंतपंचमीके मुहूर्तपर अंतिम पवित्र स्नान था । इसके लिए प्रातः चार बजेसे श्रद्धालुओंकी गंगा तट एवं त्रिवेणी संगममें पवित्र स्नान करने हेतु अपार भीड उमड पडी थी । सायंकालतक लगभग १ करोड श्रद्धालुओंने स्नान किया । तत्पश्चात सायंकाल कुंभनगरीमें बहुत समयतक वर्षा हुई । श्रद्धालुओंका पवित्र स्नान समाप्त होनेके पश्चात वर्षा होनेसे श्रद्धालुओंको असुविधा नहीं हुई । आज यहां मौनी अमावस्यापर पवित्र स्नान कर रहे लोगोंके मुखपर मुगलसराय रेल स्थानकपर हुई दुर्घटनाका प्रभाव दिखाई दे रहा था । कहीं भी भीड एकत्र न हो, इस हेतु पुलिसने स्थान-स्थानपर बाधाएं खडी कर रखी थीं । श्रद्धालुओंके लिए आने-जानेका मार्ग, अखाडोंके लिए आने-जानेका मार्ग इस प्रकारसे संगमक्षेत्रकी ओर जानेवाले सभी मार्गोंका वर्गीकरण किया गया था ।
संगम क्षेत्रपर भीड अल्प होनेके पश्चात ही वहां आए हुए नए श्रद्धालुओंको छोडा जा रहा था । संक्षेपमें प्रशासनने भीडको एकत्र न होने देनेका तीव्र प्रयास किया तथा दो घंटे पूर्व ही रेलस्थानकपर आनेवाली रेलकी उद्घोषणा हो रही थी, जिससे मेला प्रशासन एवं रेल प्रशासनके बीचके समन्वयका विश्वास उत्पन्न हुआ ।
(यह संभव था, तो पहले क्यों नहीं किया गया ? – संपादक)
आज सबसे प्रथम महानिर्वाणी अखाडेने पवित्र स्नान किया । तत्पश्चात पंचायती अखाडा, श्रीनिरंजनी अखाडा तथा जुना अखाडेने पवित्र स्नान किया । तदुपरांत महामंडलेश्वर, महंत, श्रीमहंतने मौनी अमावास्याको मृत श्रद्धालुओंकी आत्माओंको शांति मिलने हेतु तर्पण किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात