माघ शुक्ल पंचमी , कलियुग वर्ष ५११४
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वॉशिंगटन/भोपाल। गुजरात में लगातार तीसरी जीत के बाद देश और दुनिया में नरेंद्र मोदी को लेकर माहौल बदल रहा है। यूरोपियन यूनियन के देशों ने उनका बॉयकॉट खत्म कर दिया है। ब्रिटेन के राजदूत गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ही गांधीनगर जाकर उनसे मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में अमेरिका के भीतर से भी मोदी को लेकर रवैया नरम करने की मांग उठने लगी है। अमेरिका के एक सांसद एफ एन फालेओमावेगा ने मोदी को असाधारण नेता बताते हुए अपनी सरकार से उन्हें खुला और पूर्ण समर्थन देने की सिफारिश की है।
लेकिन, ऐसा नहीं है कि सबकुछ उनके पक्ष में ही हो रहा है। अगले आम चुनाव में वह अपनी पार्टी बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हो सकते हैं, जबकि विरोधियों को लगता है कि मोदी पीएम बने तो देश की साख को धक्का पहुंचेगा। फिल्म ऐक्ट्रेस और राज्यसभा सदस्य रह चुकीं शबाना आज़मी ने भोपाल में ‘वन बिलियन राइजिंग’ कैम्पेन में भाग लेते हुए कहा, ‘नरेंद्र मोदी को कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए। उनके हाथ आज भी गुजरात की जनता के खून से रंगे हुए हैं। अगर वह सत्ता में आए तो भारत की साख को ग्रहण लग जाएगा।’
अमेरिकी सांसद फालेओमावेगा का बयान गुजरात दंगों पर मौन साधे रहने वाले मोदी द्वारा २००२ की हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताने के कुछ दिन बाद आया है। उन्होंने हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में कहा, ‘मोदी की दूरदृष्टि असामान्य और उनका नेतृत्व असाधारण है। उनके नेतृत्व में गुजरात अब भारत की आर्थिक रीढ़ बन चुका है। लिहाजा, अमेरिकी सरकार को उनके विजन और विचारों का खुला समर्थन करना चाहिए।’
स्त्रोत – नव भारत टाइम्स