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कर्नाटक सरकार मंदिरों की भूमि की रक्षा करने में विफल ! – हिन्दू जनजागृति समिति

बेंगळुरू में हिन्दू जनजागृति समिति की पत्रकार परिषद

बाईं ओर से श्री. गुरुप्रसाद गौडा, अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर, अधिवक्ता श्री. अमृतेश एन पी एवं श्री. मोहन गौडा

बेंगळुरू : कर्नाटक सरकार ने ‘हिन्दू धार्मिक संस्था एवं धर्मादाय अधिनियम’ लागू कर हिन्दुओं के मंदिरों की भूमि अपने नियंत्रण में तो ले ली; परंतु सरकार इन भूमियों की रक्षा करने में संपूर्णरूप से विफल रही है ! हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने यहां समिति की ओर से आयोजित पत्रकार परिषद में ऐसा आरोप लगाया । साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि इस अधिनियम के अनुसार राज्य सरकार के पास ३ सहस्र से भी अधिक मंदिर हैं । इन मंदिरों की करोडों रुपए मूल्य की सैंकडों एकड भूमि पर अतिक्रमण किया गया है ! ऐसा होते हुए भी सरकार ने विगत १२ वर्षों से संबंधित कानून का उचित कार्यान्वयन नहीं किया है । इस स्थिति में यदि परिवर्तन नहीं होता, तो हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से संपूर्ण राज्य में वैधानिक पद्धति से आंदोलन चलाया जाएगा !

इस पत्रकार परिषद में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर, बेंगळुरू उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सदस्य श्री. अमृतेश एन पी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गुरुप्रसाद गौडा उपस्थित थे ।

अधिवक्ता श्री. अमृतेश एन पी ने कहा, ‘‘प्राचीन मंदिरों की भूमि को हडपने की अनेक घटनाएं उजागर हुई हैं । विधिमंडलद्वारा दिए गए ब्यौरे में वर्ष २००६ में अकेले बंगळुरू जिले में ही १६५ करोड़ रुपए मूल्य की ३८ एकड भूमि पर अतिक्रमण हुआ है ! यह घटना अत्यंत गंभीर है; इसलिए इस संदर्भ में किए जानेवाले आंदोलनों का सभी अधिवक्ताओं ने समर्थन करना चाहिए !’’

इस अवसर पर अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने इसी प्रकार के महाराष्ट्र में मंदिरों की भूमि को हडपने के प्रकरण में चलाए गए आंदोलनों की जानकारी दी ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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