९ वर्ष पश्चात निर्णय देनेवाला न्यायतंत्र !
- जिन अन्वेषण अधिकारियों ने झूठे आरोप लगाकर श्रीराम सेना के कार्यकर्ताआें को बंदी बनाकर उनको शारीरिक तथा मानसिक कष्ट पहुंचाए, उन अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही होनी ही चाहिए तथा इन अधिकारियों से इन कार्यकर्ताआें को हानि सांत्वना राशि दी जानी चाहिए, एेसी हिन्दुआें की मांग है !
- पबपर किए गए आक्रमण का कारण आगेकर पिछले ५ वर्षों से श्रीराम सेनापर लगाए गए प्रतिबंध क्या शासन अब वापस लेगा ?
बेंगळुरू : मंगलूरु के पब में किए गए आक्रमण के प्रकरण में दक्षिण कन्नड जिले के तिसरे जिला सत्र न्यायालय ने सभी ३० आरोपियों को ठोस प्रमाण के अभाव में निर्दोष छोड दिया । इस प्रकरण में श्रीराम सेना के संस्थापक-अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक को भी आरोपी बनाया गया था । न्यायाधीश मंजुनाथ ने यह निर्णय दिया । इस निर्णय के पश्चात श्रीराम सेना के कार्यकर्ताआें ने जल्लोष किया । २४ जनवरी २००९ को मंगलूरु के ‘एम्नेशिया द लाऊंज’ नामक पब में घूसे एक समूह ने वहांपर उपस्थित कुछ लडकियों से मारपीट की थी । तत्पश्चात इस घटना के संबंध में राष्ट्रीय-आंतरराष्ट्रीय स्तरपर प्रतिक्रियाएं व्यक्त की गईं तथा श्रीराम सेना के कार्यकर्ताआेंपर आलोचना की झडी लगाई गई । अधिवक्ता आशा नायक तथा अधिवक्ता विनोद ने न्यायालय में संदिग्ध आरोपियों के पक्ष में प्रतिवाद किया ।
सच्चाई की विजय हुई ! – श्री. प्रमोद मुतालिक, संस्थापक-अध्यक्ष, श्रीराम सेना
श्री. प्रमोद मुतालिक ने इस प्रकरण के संबंध में दैनिक सनातन प्रभात के प्रतिनिधि को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘२४ जनवरी २००९ को मंगलूरु के पब में महिलाआेंपर किए गए आक्रमण की घटनाके समय मैं मुंबई में था, फिर भी तात्कालीन भाजपा सरकार ने मुझे २६ जनवरी २००९ को बेळगाव से बंदी बनाया । हमारे विरुद्ध भारतीय आपराधिक संहिता के अंतर्गत ९ धाराएं लगाकर अपराध पंजीकृत किया था । आज ९ वर्ष पश्चात न्यायालय ने मेरा संगठन और मेरे सहित ३० कार्यकर्ताआें को निर्दोष घोषित किया है । इससे सच्चाई की विजय हुई है तथा यह न्याय हमारे लिए आनंददायी है । हम न्यायालय का धन्यवाद करते हैं, साथ ही हमारे अधिवक्ता आशा नायक तथा अधिवक्ता विनोद पाल का भी मैं आभारी हूं ।
मैं घटनास्थलपर उपस्थित नहीं था, तब भी मुझे इस प्रकरण में फंसाया गया था । वर्ष २००९ की घटना के पीछे ‘ड्रग माफिया‘ तथा ‘सेक्स माफिया’ थेेे । प्रसारमाध्यमों ने राष्ट्रीय तथा आंतरराष्ट्रीय स्तरपर श्री. मुतालिक के विरुद्ध चलाए गए अभियान के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘टाईम्स नाऊ’, ‘एनडीटीवी’ और ‘आजतक’ इन वाहिनियों ने हमें ‘तालिबानी’, ‘गुंडा संस्कृति’, ‘गुंडों का संगठन’ इत्यादी विशेषण लगाकर हमारी प्रतिमा को दूषित करने का प्रयास किया था; परंतु हिन्दू संस्कृति की रक्षा के लिए हिन्दू युवतियों को विकृती की ओर बढने से रोकने के लिए हमने प्रयास किए हैं तथा आज हमारी अर्थात सच्चाई की ही विजय हुई है ।’’
श्रीराम सेना तथा श्री. प्रमोद मुतालिक की निर्दोषता सिद्ध होने के समाचार को दबबानेवाले हिन्दूद्वेषी प्रसारमाध्यम !
वर्ष २००९ को इस घटना के पश्चात श्रीराम सेना तथा श्री. प्रमोद मुतालिक की प्रसारमाध्यमों द्वारा बडी मात्रा में मानहानि की गई । श्री. मुतालिक को भी अपमानित किया गया था; परंतु अब जब न्यायालय ने इन सभी को निर्दोष मुक्त किया है, तब भी प्रसारमाध्यमों ने इस विषय में समाचार प्रसारित नहीं किया । इससे प्रसारमाध्यमों का तीव्र हिन्दूद्वेष दिखाई देता है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात