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अरबों डॉलर जब्त करने के लिए सऊदी सरकार ने अपनाए कई हथकंडे, दबाव ही नहीं शारीरिक यातनाएं भी दीं : प्रत्यक्षदर्शी

देश भ्रष्टाचारीयोंपर भारत कठोर कार्यवाही कब करेगा ?

सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान . . . इस कदम से पारदर्शिता आएगी !

रियाद : सऊदी अरब की सरकार भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के नाम पर कारोबारियों ही नहीं राजकुमारों से भी अरबों का धन निकलवाने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है ! इसको लेकर नई जानकारी सामने आई है । कभी सऊदी की अर्थव्यवस्था के दिग्गज माने जा रहे व्यवसायी अब ऐसा ब्रेसलेट पहनने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें ट्रैक किया जा सके । प्रिंस, जो कभी फोर्सेज को लीड किया करते थे और पत्रिकाओं में छाए रहते थे, अब गार्ड उनपर नजर रखते हैं । ऐसे परिवार जो अपने निजी जेट से भाग गए हैं, अब अपने बैंक खातों का उपयोग नहीं कर पाएंगे । यहां तक कि पत्नियों और बच्चों को भी यात्रा से रोक दिया गया है !

‘A Saudi Luxury Prison’: How the Kingdom Squeezed Billions From Billionaires

दरअसल, नवंबर में सऊदी सरकार ने सैकड़ों प्रभावशाली कारोबारियों को रियाद-रिट्ज कार्लटन होटल में बंद कर दिया था । इनमें से कई रॉयल परिवार के सदस्य थे । इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ कैंपेन बताया गया । हालांकि बाद में इनमें से ज्यादातर को छोड़ दिया गया परंतु ये अब भी पूरी तरह से आजाद नहीं हैं । सऊदी का एक बड़ा तबका अब खौफ और अनिश्चिचतता में जी रहा है । अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है ।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि महीनों तक हिरासत में रहने के दौरान कई लोगों के साथ जबरदस्ती की गई और शारीरिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया । कार्रवाई के शुरुआती दिनों में कम से कम १७ लोगों को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा । इनमें से एक की मौत भी हो गई । शव देखनेवाले एक व्यक्ति ने बताया कि मृतक की गर्दन मरोड़ी गई थी और उनके शरीर में काफी सूजन भी थी । हालांकि रविवार को भेजे ईमेल में सरकार ने साफतौर से शारीरिक यातना के आरोपों को बिल्कुल गलत बताया ।

इस कार्रवाई का परिणाम यह हुआ कि रिट्ज छोड़ते समय कई बंधकों ने न केवल बड़ी मात्रा में धनराशि सरेंडर कर दी बल्कि कई कीमती रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज और उनकी कंपनियों के शेयरों पर सरकार का कब्जा हो गया । बड़ी बात यह है कि इस दौरान किसी भी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया । अब भी सरकारी कार्रवाई समाप्त नहीं हुई है । सरकार कई रईसों की संपत्तियां आगे भी जब्त करनेवाली है !

हिरासत में रखे गए एक बड़े कारोबारी को ट्रैकिंग डिवाइस पहनने को मजबूर किया गया । इससे वह अवसाद में घिर गए और उनका कारोबार चौपट हो गया । उनके एक रिश्तेदार ने कहा, ‘हमने सब कुछ दे दिया । यहां तक कि जिस घर में मैं हूं, मुझे नहीं पता कि वह मेरा है या नहीं !’ क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को इस कार्रवाई के लिए जिम्मेदार माना जाता है !

इस बीच अमेरिकी निवेश आकर्षित करने के लिए क्राउन प्रिंस इसी महीने अमरिका जा रहे हैं । सऊदी अधिकारी उनकेद्वारा किए गए सुधार कार्यक्रमों का खूब प्रचार कर रहे हैं । इनमें शामिल है – महिलाओं को गाड़ी चलाने का अधिकार देने का उनका वादा, मनोरंजन संभावनाओं का विस्तार, आदि । इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश पाना है । अधिकारियों ने साफतौर पर दबाव या किसी प्रकार की प्रताड़ना से साफ इनकार किया है । सरकार का कहना है कि रिट्ज एपिसोड के दौरान पूरी तरह से कानूनी प्रकियाओं का पालन किया गया ।

सरकार का कहना है कि इस कदम से पारदर्शिता आएगी । खौफ इतना है कि कोई भी प्रिंस सलमान के खिलाफ कुछ भी बोल नहीं पा रहा है !

हालांकि कुछ सऊदी अधिकारियों, शाही परिवार के सदस्यों और उनके रिश्तेदारों, सलाहकारों और सहायकों ने सच्चाई सामने रखी है । इन लोगों का कहना है कि यह बलपूर्वक किया गया एक ऑपरेशन है ! इन लोगों ने शारीरिक प्रताड़ना के निशान भी दिखाए । इसके बदले में अरबों डॉलर की निजी संपत्ति क्राउन प्रिंस के हाथों में चली गई !

वैसे, सऊदी में भ्रष्टाचार के मामले कोई नए नहीं हैं । हिरासत में लिए गए कुछ लोग इसके दोषी भी हो सकते हैं परंतु सरकार की कार्रवाई के दौरान किसी को भी अपनी बेगुनाही साबित करने के मौके नहीं दिए गए कि वे दोषी हैं या निर्दोष ! कैंपेन की एक वजह तो क्राउन प्रिंस को मजबूत बनाने के साथ ही परिवार में अरबों डॉलर की संपत्ति का हकदार चुनना भी था । हालांकि सरकार का कहना है कि इस कदम से पारदर्शिता आएगी । खौफ इतना है कि कोई भी सलमान के खिलाफ कुछ भी बोल नहीं पा रहा है !

स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

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