मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
परशुराम भूमिमें गूंजी हिन्दू एकताकी गर्जना । हिन्दुत्वकी ज्योत प्रज्वलित करने हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना
सनातन समान अन्य संस्थाएं भी हिन्दू धर्मजागृतिका कार्य करें ! – श्री. राजेश कवळेकर, सरपंच, कवळे ग्रामपंचायत
कपिलेश्वरी, कवळे (गोवा) – हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा ९ नवम्बरको कपिलेश्वरी, कवळेके कवळे ग्रामपंचायत मैदानमें हिन्दू धर्मजागृति सभा आयोजित की गई थी । इस सभामें १ सहस्र हिन्दू उपस्थित थे ।
इस अवसरपर सनातनके रामनाथीके आश्रमपर आक्रमणके सन्दर्भमें जानकारी देनेवाली वृत्तचित्रफीत दर्शाई गई । आश्रमपर हुए आक्रमणका सामना करने जानेवाले सनातनके साधक सर्वश्री सागर म्हात्रे, उमेश गौडा, सुरेश कदम एवं सुरजीत माथुरने मनोगत व्यक्त किया । इस समय हिन्दू जनजागृति समितिकी श्रीमती लता ढवळीकरने ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापित करनेकी आवश्यकता’, इस विषयपर मार्गदर्शन किया ।
सरपंच श्री. राजेश कवळेकरने हिन्दू धर्मजागृति सभामें ऐसे उद्गार व्यक्त किए कि सनातनसमान अन्य संस्थाओंको भी हिन्दू धर्मजागृतिका कार्य करना चाहिए । लोगोंको समझाकर, सनातन संस्थाको, अपने अच्छे कार्यकी जानकारी देनी चाहिए । ‘हिन्दू राष्ट्र’ निर्मितिके लिए यह आवश्यक है । इसमें कोई सन्देह नहीं कि इन प्रयासोंको भगवानका आशीर्वाद है । इसलिए सनातनने इतनी प्रगति की है ।
श्री. राजेश कवळेकरने आगे कहा कि मुझे प्रथम ही हिन्दू धर्मजागृति सभामें बोलनेका अवसर मिला है । कवळेमें भी सभा हो रही है, इसका मुझे आनन्द प्रतीत हो रहा है । इस सभाके आयोजनका दायित्व सनातन संस्थाने लिया । जो सनातन संस्था धर्मके लिए कार्य करती है, उसका समर्थन करनेमें मुझे किसीका भय प्रतीत नहीं होता । भारतीय संविधानमें दिए अधिकारोंके अनुसार सनातन संस्था धर्मप्रसारका कार्य कर रही हैं । इस प्रसारमें सरपंचके नाते कर्तव्यके रूपमें सहायता कर रहा हूं । गोवामें निरन्तर मन्दिरोंपर आक्रमण हो रहे हैं । मूर्तियां तोडी जा रही हैं । इसके विरुद्ध किसीने भी आवाज नहीं उठाई, परन्तु सनातन संस्थाने आगे आकर इसके विरोधमें आवाज उठाई । इस कार्यको हमें समर्थन देना चाहिए । इस क्षेत्रमें स्थित मन्दिरोंके धार्मिक कार्यसे हमारा अस्तित्व है । सनातनके साधकोंमें अनुशासन हैै, यह मेरा पिछले १० वर्षोंका अनुभव है । सनातनके साधकों समान अनुशासन कहीं भी दिखाई नहीं देता । मैं एवं मेरे समर्थक सदैव सनातनके समर्थनमें रहेंगे ।
सनातनको होनेवाला विरोध केवल गलतफहमीसे – श्री. राजेश कवळेकर
जो कोई हिन्दू धर्मका कार्य करते हैं, उस कार्यकी सहायता करनेमें यदि मैं पीछे रहा, तो मेरे जैसा नपुंसक कोई नहीं होगा । सनातनका विरोध केवल गलतफहमीसे हो रहा है । जबतक हम आश्रममें जाकर सनातनका कार्य नहीं देखते, तबतक किसीको भी उनके विरुद्ध बोलनेका अधिकार नहीं है, सरपंच श्री. राजेश कवळेकरने ऐसा कहा ।
मन्दिरोंकी रक्षाके लिए पहरा दल बनाएं ! – श्रीमती ज्योति ढवळीकर
वर्तमान समयमें पूरे भारतमें मूर्तिभंग होना, मन्दिरोंमें चोरियां होना, मार्ग चौडा करनेके नामपर मन्दिरोंका तोडाजाना ऐसी घटनाओंमें वृद्धि हो रही है । इसीलिए ऐसी घटनाओंको नियन्त्रित करने एवं मंदिरोंकी रक्षा हेतु सनातन संस्थाकी साधिका एवं सार्वजनिक निर्माणकार्य मन्त्री श्री. सुदिन ढवळीकरकी पत्नी श्रीमती ज्योति ढवळीकरने गांवके धर्मप्रेमी युवकोंको संगठित होकर पहरा दल स्थापित करनेका आवाहन किया ।
‘हिन्दू राष्ट्र’ संकल्पनाका प्रसार संविधानप्रदत्त अधिकार है ! – श्रीमती लता ढवळीकर
‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्दका उच्चारण करते ही कथित सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्ष) व्यक्ति तथा हिन्दुद्वेषी लोग, यह मांग घटनाबाह्य है, ऐसा कहकर थिरकते हैं । अबतक भारतकी घटनामें पूरे ९७ बार संविधानमें सुधार किया गया है । यदि संविधानमें सुधार कर भारत सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्ष) राष्ट्र हो सकता है, तो वह ‘हिन्दू राष्ट्र’ क्यों नहीं हो सकता ? संविधानद्वारा देशके नागरिकोंको मत प्रस्तुत करनेका अधिकार दिया गया है । ‘हिन्दू राष्ट्र’ संकल्पनाका प्रसार हिन्दुओंका संविधानप्रदत्त, धार्मिक, राष्ट्रीय तथा नैतिक अधिकार है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात