सिंध प्रांत में ५०० हिन्दुओं को जबरन बनाया मुसलमान, भारत में नहीं मिली शरण तो लौटना पडा था पाकिस्तान

  • पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मातली जिले में २५ मार्च को लगभग ५०० हिन्दुओं को जबरन धर्म परिवर्तन !

  • भारत में शरण लेने आए थे, परंतु लॉन्ग टर्म वीजा ना मिलने के कारण उन्हें पाकिस्तान लौटना पडा था !

रोहिंग्यो को रहने के लिए हिन्दुस्तान मे जगह है, परंतु हिन्दू शरणार्थीयो को रहने के लिए जगह नही है यह दोंगलापन हिन्दुआें के साथ ही क्यो ? रोहिंग्याओ और बांग्लादेशीआें को भारत में आधार, सिमकार्ड, और बडे वकील आसानी से मिल जाते हैं परंतु पाकिस्तान से भागकर आए ५०० हिन्दू शरणार्थियों को भारत में शरण तक नहीं मिलना यह देश के लिए शर्मनाक है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मातली जिले में २५ मार्च को लगभग ५०० हिन्दुओं को जबरन धर्म परिवर्तन करा इस्लाम कबूल कराया गया ! धर्म परिवर्तन कराए गए लोगों में से अधिकतर वो लोग थे, जो भारत में शरण लेने आए थे, परंतु लॉन्ग टर्म वीजा ना मिलने के कारण उन्हें पाकिस्तान लौटना पडा था । जबरन धर्म परिवर्तन का यह कार्यक्रम पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ की पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के पदाधिकारियों ने आयोजित कराया । खबर मिली है कि ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के पदाधिकारियों ने हिन्दुओं के ५० परिवारों यानी ५०० लोगों पर दबाव बनाया और उसके बाद उन्हें जबरन इस्लाम कबूल कराया !

हैरानी की बात ये है कि, जब पाकिस्तान में ५०० हिन्दुओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था, उससे केवल ५ दिन पहले ही जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों और धर्म परिवर्तन पर चिंता जतायी जा रही थी । इस सत्र का संचालन मुस्लिम कनेडियन कांग्रेस के फाउंडर और लेखक तारिक फतह ने किया था । वहीं सत्र में मुख्य वक्ता के तौर पर वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस की चेयरपर्सन रुबिना शेख ने बताया कि, किस तरह से सिंध में हिन्दुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं और उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है !

Conference on human rights in Sindh, Balochistan held in UN

कार्यक्रम के दौरान सभी परिवारों को एक बड़े से शामियाने में इकट्ठा किया गया । इनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे । इसके बाद मंच पर पीर मुख्तयार जान सरहदी, पीर सज्जाद जान सरहदी और पीर साकिब जान सरहदी ने कलमा पढ़ा, जिसे सभी हिन्दुओं को दोहराने के लिए कहा गया । इस पर सभी हिन्दुओं ने कलमा दोहराया । इसके बाद सभी लोगों ने उन्हें नए मुस्लिम बनने की मुबारकबाद दी । बता दें कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से आए ५००० विस्थापितों को साल २००५ में नागरिकता प्रदान की थी । फिलहाल १५००० के लगभग विस्थापित लॉन्ग टर्म वीजा पाने के लिए देहली और संबंधित जिलों में भटक रहे हैं । राजस्थान से पिछले तीन सालों में १३७९ हिंदू विस्थापितों को पाकिस्तान वापस लौटना पडा है । ताजा धर्म परिवर्तन की घटना भी उन्हीं हिन्दुओं के साथ घटी है, जो भारत में वीजा ना मिलने के कारण वापस लौट गए थे !

स्त्रोत : जनसत्ता;


भारत से पाक भेजे गए हिन्दू इस्लाम कबूलने को मजबूर, कल होगा ५०० हिन्दुआें का धर्म परिवर्तन

एक आेर सरकार बांग्लादेशी/ रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में बसा रही है वही दुसरी आेर शरणार्थी हिन्दुओं को पाकिस्तान वापस भेज रही है ! सरकार के इस दोगले बर्ताव के कारण आज पाक में हिन्दुआें की स्थिती जानवर से भी बदतर हो गर्इ है ! क्या रोहिंग्याओं को भारत में बसानेवाली सरकार को हिन्दुओं की जरा भी चिंता नहीं है ? यदि सरकार पाक के हिन्दुआें की मदत नही कर सकती तो उसे म्यानमार आैर बांग्लादेश के मुसलमानों की मदत करने का क्या अधिकार है ? 

जोधपुर : राजस्थान बॉर्डर के पार पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिन्दुआें की जनसंख्या तेजी से समाप्त की जा रही है । यहां हिन्दुओं के जबरन धर्म परिवर्तन के मामले लगातार सामने आते रहे हैं । रविवार को भी यहां ५०० हिन्दुओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाना है । जो लोग पाकिस्तान छोडकर भारत आए थे, मगर किन्हीं कारणों से उन्हें वापस जाना पडा, उन परिवारों को खास तौर से निशाना किया जा रहा है । पिछले ३ वर्षों में भारत में शरण लेने आए १३७९ हिन्दुओं को पाकिस्तान लौटना पडा है ।

जबरन इस्माल कबूलने का दबाव

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में २५ मार्च को बडे स्तर पर हिन्दुओं को जबरन इस्लाम धर्म कबूल कराया जा रहा है । यहां ५०० हिन्दुओं के धर्म परिवर्तन के लिए पर्चे भी बांटे जा चुके हैं ।इनमें ५ अगस्त १७ को डिपोर्ट किया गया ८० वर्षीय चंदू, उसकी पत्नी धामी, बेटा भगवान, बहू धरमी और बच्चे धीरो, मूमल, जयराम व कविता भी शामिल हैं । ये वो परिवार है जिसके लिए राजस्थान उच्चन्यायालय ने छुट्‌टी के दिन स्पेशल बेंच बैठाकर इनके डिपोर्ट आदेश पर स्टे भी दे दिया, परंतु आदेश तामील होता उससे चंद मिनट पहले उनकी ट्रेन पाकिस्तान सीमा में प्रवेश कर गई । अब इस परिवार पर इस्लाम कबूलने का दबाव बना हुआ है ।

बेटियों का बलात्कार होने से बचा जाएगा

सिंध के अवामी आवाज समाचारपत्र के संपादक रहे असद चांडियो ने धर्म परिवर्तन के इस जलसे को हिन्दुओं की लाचारी बताया । उन्होंने कहा, “मुझसे पूछो तो यही कहूंगा कि, मुस्लिम बनने के बाद उनकी बेटियां अगवा होने और सामुहिक बलात्कार से तो बच ही जाएंगी ।’ चांडियो पाक में लगातार हिन्दुओं की दुर्दशा पर लिखते रहे हैं । परंतु कट्‌टरपंथियों के जुल्मों के कारण उन्हें देश छोडकर अमेरिका में शरण लेनी पडी ।

हिन्दू न घर का है न घाट का : संगठन के अध्यक्ष

सीमा के इधर भारत में विस्थापितों के लिए संघर्ष करने वाले सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिन्दूसिंह सोढा कहते हैं कि, पाकिस्तान का हिन्दू न घर का है न घाट का । वहां धर्म बदलने की मजबूरी, यहां रोजी-रोटी और न जाने कब खदेड दिए जाने का खतरा हर समय मंडराता है ।

भारत सरकार विस्थापित हिन्दुओं के पुनर्वास के नियम बनाती तो है, परंतु जिला स्तरों पर उनका पालन नहीं होता । इसलिए जो लौट रहे हैं, उनके पास धर्म बदलने के अलावा दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है ।

शादीशुदा करते हैं हिन्दू लडकियों का बलात्कार

मानवाधिकार संगठन से जुडे कृष्ण शर्मा और पाकिस्तानी हिन्दू परिषद के संरक्षक इन चीफ डॉ. रमेश वानकवानी लिखते हैं कि, यहां स्वेच्छा से कोई धर्मांतरित नहीं हुआ है । यहां के विवाहित मुस्लिम हिन्दू लडकियों का अपहरण करते हैं, उनका बलात्कार करते हैं और उन्हें धमकाते हैं । जिससे वे ये कहने लगे कि उन्होंने खुद ही धर्म परिवर्तन किया है ।

दक्षिण सिंध में सबसे ज्यादा हिन्दू रहते हैं, अधिकांश कृषि अाधारित बंधुआ श्रमिक है । शिक्षा, स्वास्थ्य या कोई भी बुनियादी सुविधाएं नहीं है, ऐसे गरीब लोग जमीदारों के लिए आसान लक्ष्य है ।

कई जगह हिन्दू ज्यादा, लेकिन जिंदगी अल्पसंख्यक

पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन के स्तंभकार नाजिहा सईद अली ने हाल ही एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें बताया कि, राजस्थान से लगती सीमा पर २००० में जहां इक्का-दुक्का मदरसे थे, वे २०१५ से अचानक २० तक पहुंच गए हैं । ये मदरसे धर्म परिवर्तन कर नए मुस्लिमों के बच्चों की तालीम के लिए खुले हैं ।

कई संगठन कलमा पढने वालों को रहने के लिए अफोर्डेबल घर, घरेलू सामान, दहेज का सामान, काम करने के लिए सिलाई मशीनें, नहरों से खेती करने के लिए साल भर पानी का प्रलोभन भी दे रहे हैं । थारपारकर व उमरकोट में ऐसी कहानियां अक्सर दोहराई गई है ।

स्त्रोत : दैनिक भास्कर

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