Menu Close

लिंगायत समुदाय को स्वतंत्र धर्म की श्रेणी प्रदान करना कांग्रेस की ‘तोडो और राज्य करो’ नीति – हिन्दू जनजागृति समिति

मुंबई में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से जनआंदोलन

आंदोलन करते हुए हिन्दुत्वनिष्ठ

मुंबई : कर्नाटक के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर वहां की कांग्रेस सरकार ने लिंगायत समुदाय को स्वतंत्र धर्म की श्रेणी प्रदान करने का निर्णय लिया है ! १९ मार्च को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र सरकार को इस निर्णय का प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया ।

वास्तव में शैव तथा वैष्णव तो हिन्दू धर्म के ही मुलभूत अंग हैं । अवतारी कार्य करनेवाले आध्यात्मिक उन्नत संत ही केवल धर्मसंस्थापना का कार्य कर सकते हैं । अतः राज्यकर्ता को इस प्रकार का निर्णय लेने का कोई अधिकार ही नहीं है ! लिंगायत समुदाय को स्वतंत्र धर्म की श्रेणी प्रदान करना यह तो कांग्रेस की ‘तोडो और राज्य करो’ ऐसी (कु)नीति है ! ऐसा आरोप हिन्दू जनजागृति समिति के मुंबई प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी ने लगाया । लिंगायत समुदाय को स्वतंत्र धर्म की श्रेणी प्रदान करने के विरोध में २३ मार्च को यहां दादर रेलस्थान के बाहर आंदोलन किया गया । उस समय वे बोल रहे थे ।

इस आंदोलन में अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ के कार्याध्यक्ष तथा प्रवक्ता डॉ. विजय जंगमसहित विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे । इस आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सनातन संस्था, अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ, हिन्दू एकता जागृति समिति, सनातन युवा संगठन तथा श्री साईलीला मित्रमंडल ने सहभाग लिया ।

डॉ. उदय धुरी ने आगे कहा, ‘‘तात्कालीन कांग्रेस के केंद्र शासन ने वर्ष २०१३ में ऐसे ही एक प्रस्ताव को अस्वीकार किया था । अब वही कांग्रेस शासन केवल मतों की राजनीति के लिए लिंगायत समुदाय को स्वतंत्र धर्म की श्रेणी प्रदान कर रही है !

अलग लिंगायत धर्म की स्थापना तो देश पर किया जा रहा धार्मिक आक्रमण ! – डॉ. विजय जंगम

पूरे देश में वीरशैव लिंगायत समुदाय का प्रतिनिधित्व करनेवाली अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने इसका विरोध किया है । श्रीशैल जगद्गुरु डॉ. चन्नसिद्ध पंडिताराध्य ने कहा है कि महात्मा बसवेश्‍वर के नाम पर धर्म में विभाजन करना उचित नहीं है । रंभापुरी तथा काशी के जगद्गुरुओं ने भी इसका विरोध किया है । वास्तव में लिंगायत शब्द ही धर्मवाचक नहीं, अपितु वह एक दीक्षा संस्कार है । अलग लिंगायत धर्म को स्वीकृती देनेवाली बात का वीरशैव धर्मगुरुओं ने तीव्र विरोध किया है ! हम हिन्दू हैं, इस पर हमें गर्व है । जिस बात का गर्व होना चाहिए, उस बात की लज्जा क्यों प्रतीत हो ? छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसी धर्म में जन्म लेकर हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की और हमें इसी प्रकार के हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी है । अलग लिंगायत धर्म की स्थापना, तो देश पर किया जा रहा धार्मिक आक्रमण है !

हम यदि संगठित रहें, तो इस प्रकार से अलग धर्म की स्थापना नहीं हो सकती ! – श्री. ब्रिजेश शुक्ला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

हम संप्रदायों में विभाजित हो रहे हैं । रामराज्य में हमारे पूर्वज एक ही थे । हमें पूरे संसार पर राज्य करना है । इस प्रकार से यदि धर्म में विभाजन हुआ, तो भारत विश्‍वगुरु कैसे हो पाएगा ?

हम हिन्दू हैं, इसपर हमें गर्व है ! हम हिन्दू हैं और हिन्दू ही रहेंगे ! – श्री. विष्णु जंगम, अध्यक्ष अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *