ब्राजील में कैथोलिक पादरियों के एक गिरोह के पास से पुलिस ने लगभग ४,२६,००० पाउंड बरामद किए हैं ! दरअसल यह रकम पादिरयों ने चर्च की डोनेशन से चुराकर, ये रकम अन्तिम संस्कार कराने के बदले पैसे लेकर और फंड जुटाकर इकट्ठे की थी ! फिलहाल पादरियों के इस गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । गोइस सूबे के पादरियों के इस गिरोह में बिशप ऑफ फोरमोसा, जोस रिबेरियो के अलावा ५ अन्य पादरी और ३ लोग शामिल हैं । पादरियों के इस गिरोह का पर्दाफाश एक टैप की गई फोन कॉल की मदद से हुआ । इसके बाद ब्राजील पुलिस ने एक पादरी के घर पर छापा मारकर तलाशी ली, जिसमें पुलिस ने बड़ी रकम जब्त की । जब्त की गई रकम को देखकर पुलिस समेत पूरा देश हैरान रह गया है । बताया जा रहा है कि पादरियों ने यह रकम पिछले ३ सालों के दौरान इकट्ठा की है । राज्य के अभियोजन पक्ष का कहना है कि पादरियों के इस गिरोह का सरगना बिशप ऑफ फोरमोसा जोस रिबेरियो है !
गौरतलब है कि ब्राजील पुलिस ने नकद रकम के अलावा पादरियों के पास से मोबाइल फोन्स, लग्जरी कारें, डिजाइनर घड़ियां और सोने की चेन बरामद की हैं । इसके साथ ही पुलिस ने बड़ी मात्रा में विदेशी करेंसी भी बरामद की है । अभियोजन पक्ष के वकील का कहना है कि प्राथमिक जांच के बाद पता चला है कि पादरियों ने पैसे के टैक्स बिल, खर्चों की पर्चियां, और अन्य डॉक्यूमेंट्स नहीं दिखाए हैं और पैसे का उपयोग निजी खर्चों को पूरा करने के लिए किया । साथ ही सभी आरोपी पादरी हर माह बिशप को १५०० से २१०० पाउंड की रकम देते थे, ताकि बिशप उनके खिलाफ कोई कारवाई ना करें और अपना मुंह बंद रखें !
खबरों के अनुसार, पुलिस ने जब एक आरोपी पादरी के घर पर छापा मारा तो पादरी के घर की तलाशी के दौरान एक खूफिया स्टोर से करीब १९,२०० पाउंड एक प्लास्टिक बैग में बरामद हुए । इसके अलावा पुलिस ने पादरी के घर से ३ आईफोन, एक मैकबुक और कुछ और नगद रकम जब्त की है । बता दें कि पादरियों के खिलाफ पिछले साल शिकायत की गई थी । इस शिकायत में आरोप लगाए गए थे कि कैथोलिक चर्च के पादरियोंद्वारा पैसे में अनियमितता बरती जा रही है । हालांकि आरोपी बिशपद्वारा आरोपो से इंकार किया गया है । वहीं इस मामले के खुलासे के बाद पोप फ्रांसिस ने उबेराबा के आर्कबिशप फादर पाउलो मेंडेस को गोइस का नया आर्कबिशप नियुक्त किया है । यह नियुक्ति अभी अस्थायी है । बता दें कि गोइस सूबे के अन्तर्गत ३३ चर्च और २० पैरिश आते हैं !
स्त्रोत : जनसत्ता