‘फैसलाबादमें भारत और पाकिस्तानके मध्य क्रिकेट सामना हुआ । उस समय पाकिस्तानने अपने ध्वजके साथ भारतका भी ध्वज लगाया था । उसमें तिरंगे ध्वजका हरा रंग ऊपर, तो केसरी रंग नीचे था । ऐसा दो बार हुआ है । विशेष बात यह कि इसके पूर्व जब मिर्जा मुशर्रफ भारत आए थे, तब उनके विमानपर भी पाकिस्तानी ध्वजके साथ भारतका ध्वज लगाया गया था, जो उलटा था ।
उस समय उनके ध्यानमें लाने पर उन्होंने अपनी चूक सुधार लीr; किंतु विश्वसनीय सूत्रोंद्वारा ज्ञात हुआ है कि उस समय जब पाकिस्तानको उसकी चूक दिखाई गई, तब उसने उत्तर देते हुए कहा, ‘हमने जिस ढंगसे तिरंगा लगाया है वह योग्य है । भारतका तिरंगा लगानेका ढंग दोषपूर्ण है । भारतको ही पाकिस्तानद्वारा लगाए तिरंगेको देखकर अपने ध्वजमें सुधार कर लेना चाहिए । अर्थात, हरा रंग ऊपर और केसरी रंग नीचे होना चाहिए । संभव हो, तो केसरी रंग उसपरसे हटा ही देना चाहिए ।’ समाचार है कि पाकिस्तानके दिए इस परामर्शपर कुछ साम्यवादी गंभीरतासे विचार कर रहे हैं ।’ (ठेंगेपर सब मार दिया, मई २००६)