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हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी की नेपाल यात्रा का वृत्तांत

विविध हिन्दुत्वनिष्ठ एवं मान्यवरों के साथ की गई भेंट में धर्म, संस्कृति एवं सामाजिक स्थिति के संदर्भ में किया गया विचार-विमर्श

पिछले सप्ताह हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने अपनी नेपाल यात्रा में वहां के हिन्दुत्वनिष्ठों को साधना के संदर्भ में मार्गदर्शन किया एवं उनको धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के कार्य के लिए प्रेरित किया। प्रस्तुत कर रहें हैं इसीका वृत्तांत . . .

राष्ट्रीय धर्मसभा, नेपाल के अध्यक्ष डॉ. माधव भट्टराई एवं पूर्व मंत्री श्रीमती कांता भट्टराई को ७वें अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन का निमंत्रण !

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने राष्ट्रीय धर्मसभा, नेपाल के अध्यक्ष डॉ. माधव भट्टराई एवं नेपाल की पूर्व राज्यमंत्री बाल बालिका और महिला समाजकल्याण मंत्री श्रीमती कांता भट्टराई से सदिच्छा भेंट ली। इस अवसर पर सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने डॉ. माधव भट्टराई एवं श्रीमती कांता भट्टराई को आनेवाले जून मास में गोवा में होनेवाले ७वें अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन का निमंत्रण दिया।

बाईं ओर से डॉ. माधव भट्टराई, सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी, श्रीमती कांता भट्टराई एवं कु. सानू थापा

क्षणिका : इस अवसर पर स्वयं डॉ. भट्टराई ने सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं का उपस्थित लोगों से परिचय करवाया, साथ ही समिति की ओर से गोवा मे होनेवाले अगले हिन्दू अधिवेशन की सभी को जानकारी भी दी !

क्षेत्री सोसाईटी नैशनल फेडरेशन के अध्यक्ष श्री. विष्णु बहादूर क्षेत्री से की गई भेंट में दी हिन्दू राष्ट्र स्थापना की आश्‍वस्तता !

श्री. विष्णु बहादूर क्षेत्री को ग्रंथ भेंट करते हुए सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी (बाईं ओर) एवं मध्य में श्रीमती माला खडका

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने क्षेत्री सोसाईटी नैशनल फेडरेशन के अध्यक्ष श्री. विष्णु बहादूर क्षेत्री से १८ मार्च को भेंट ली। इस अवसर पर श्रीमती माला खडका भी उपस्थित थीं। इस समय सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा, ‘‘रामायण पहले लिखा गया और उसके पश्‍चात वह घटित हुआ, कंसवध की पहले आकाशवाणी हुई और पश्‍चात कंस का वध हुआ। उसी प्रकार से कुछ द्रष्टाओंद्वारा बताए जाने के अनुसार वर्ष २०२३ में हिन्दू राष्ट्र तो आने ही वाला है !’’

इस अवसर पर सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने श्री. क्षेत्री को सनातनद्वारा प्रकाशित ग्रंथ भेंट किए।

माऊंटन दूरचित्रवाहिनी के महाप्रबंधक श्री. जीवनाथ ढकाल के साथ सनातन धर्म एवं संस्कृति के संदर्भ में विचार-विमर्श

बाईं ओर से सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी, श्री. जीवनाथ ढकाल एवं उनकी बाईं ओर श्री. प्रकाश शेडाय

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां के माऊंटन दूरचित्रवाहिनी के महाप्रबंधक श्री. जीवनाथ ढकाल एवं विपणन व्यवस्थापक श्री. प्रकाश शेडाय से सदिच्छा भेंट ली। इस समय श्री. ढकाल ने कहा, ‘‘नेपाली लोगों के मन में चाहे धर्म के प्रति श्रद्धा हो, तो भी उन पर पाश्‍चात्त्य संस्कृति का प्रभाव है। अतः उनमें जागृती लाना आवश्यक है !’’ सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा, ‘‘सनातन धर्म की हरएक बात शास्त्रसंमत है। संस्कृत भाषा बोलने से वाणी शुद्ध बनती है एवं हमारी ओर सात्त्विक तरंगें आकर्षित होती हैं और जीव को उसका लाभ मिलता है ! राजा और प्रजा यदि धर्मपरायण हों, तो जनता भी सुखी बनती है। इसलिए नेपाल एवं भारत इन दोनों देशों में हिन्दू राष्ट्र स्थापना होना आवश्यक है !’’

‘हॅबिटॅट फॉर ह्युमॅनिटी’ नेपाल के राजदूत श्री. संतोष सहा से भेंट

श्री. संतोष सहा (बाईं ओर) से बातचीत करते हुए सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां की संस्था हॅबिटॅट फॉर ह्युमॅनिटी नेपाल के राजदूत एवं लिडरशीप अ‍ॅकॅडमी के अध्यक्ष श्री. संतोष सहा से भेंट ली। श्री. सहा नेपाल के विविध क्षेत्रों के युवकों को संघटित कर उनको राजनीतिक नेतृत्वगुणों का प्रशिक्षण देते हैं एवं नेपाल की पहाडी, तराई आदि क्षेत्रों में कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। इस समय श्री. सहा ने कहा, ‘‘हाल ही में केवल राजनीतिक ही नहीं, अपितु धार्मिक क्षेत्र के संत-गुरु भी राष्ट्र एवं संस्कृति को प्रधानता न देकर स्वयं की प्रसिद्धि एवं मानसम्मान के पीछे पडे हैं !’’

नेतृत्वगुणो के संदर्भ में सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा, ‘‘राजा कभी भी कम्फर्ट जोन (सुखी जीवन) में नहीं रह सकता। उसके लिए सदैव सतर्क रहना आवश्यक है। राजा में निरंतर संघर्ष करना, लडना, त्याग की सिद्धता रखना आदि गुण होंगे, तो इतिहास बना सकता है। कुछ अच्छा करने के लिए सुख का त्याग करना ही पुरुषार्थ है, ऐसा धर्म कहता है। सुखी जीवन में ही व्यस्त रहने से पुरुषार्थ कैसे होगा ?’’

नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री. किवांग राय से बातचीत

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री. किंवाग राय से १८ मार्च को भेंट ली। इस समय नेपाल की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में बताते हुए अधिवक्ता श्री. राय ने कहा, ‘‘नेपाल में ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं नेवार लोगों की जनसंख्या ३५ प्रतिशत है। राजनीति एवं सरकारी क्षेत्र में भी उन्हींका अधिकाधिक सहभाग है। इस संदर्भ में समाज में भेदाभेद एवं अंसतोष है !’’ इस संदर्भ में सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा, ‘‘समाज के सभी घटकों को संगठित करना आवश्यक है !’’

स्त्रोत: दैनिक सनातन प्रभात

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