हिंदूबहुल देश में हिन्दुआें के ही श्रद्धास्थानों का खुलेआम अनादर किया जाता है, यह सर्वत्र के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन तथा हिन्दुआें के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है । एेसा अनादर करने का साहस कोर्इ न करें, एेसी स्वयं की छवी, हिन्दू कब निर्माण करेगा ? यह स्थिती बदलने हेतु हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
फिल्म के विरोध में धर्मरक्षक महामंच की आेर से पुलिस आयुक्त तथा सेन्सॉर बोर्ड को निवेदन
मुंबई – ‘ओ माय गॉड’, ‘पिके’, ‘पद्मावत’ आदी फिल्मों के बाद अब ‘३ देव – अंडरकव्हर भगवान’ इस हिंदी फिल्म में ब्रह्मा, विष्णु आैर महेश इन हिन्दुआें के उच्च देवताआें को मॉडर्न अभिनेताआें के रूप में दिखाकर हिन्दुआें की धर्मभावना आहत करने का घिनौना काम किया गया है । इस फिल्म के निदेशक अंकुश भट आैर निर्माता चिंतन राणा है । (हिन्दुआें को धर्मशिक्षा न होने के कारण ही उनसे हिन्दुआें के देवताआें का अनादर करनेवाली फिल्मे, नाटक, विज्ञापन प्रदर्शित किए जाते है ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति)
११ मर्इ को यह फिल्म प्रदर्शित होनेवाली है । इस फिल्म का पोस्टर अभी सामने आया है । फिल्म में पोस्टर पर अभिनेताआें को देवताआें के रूप में दिखाया गया है । सोशल मिडिया पर अधिकृत रखे गए पोस्ट के माध्यम से यह बात सामने आर्इ है ।
अभिनेता करणसिंह ग्रोव्हर ने ‘समस्या के समय भगवान को पुकारने पर वे कैसे सहायता के लिए आते है, यह इस फिल्म से दिखाया गया है, एेसा कहा है; किंतु यह सभी दृश्य मजेदार, विनोदी पद्धती से दिखाकर इसे ‘मजेदार फिल्म´बना दी है । इस फिल्म का अधिकृत ‘ट्रेलर’ अभी प्रदर्शित होने का बाकी है, फिर भी इस फिल्म के प्रदर्शित हुए पोस्टर तथा निर्माता, निदेशक एवं अभिनेताआें ने मिडिया को दी गर्इ मुलाखातों से फिल्म में देवताआें का मानवीकरण कर उन्हें मॉडर्न रूप में दिखाया गया है ।
धर्माभिमानी हिन्दू निर्माता तथा निदेशक के टि्वटर खातों पर अपना निषेध व्यक्त कर रहे है !
१. https://twitter.com/ankoosh_bhatt
२. https://twitter.com/ikunaalroykapur
३. https://twitter.com/Iamksgofficial
४. https://twitter.com/_ravidubey
देवताआें के अनादर के विरोध में धर्मरक्षक महामंच की आेर से पुलिस आयुक्त तथा सेन्सॉर बोर्ड को निवेदन सादर
मुंबई के धर्मरक्षक महामंच केअध्यक्ष श्री. रमेश जोशी इन्हों ने ‘३ देव – अंडरकव्हर भगवान’ इस फिल्म के पोस्टर के विरोध में धार्मिक भावना आहत होने का निवेदन पुलिस आयुक्त तथा सेन्सॉर बोर्ड को भेजा गया है । इस निवेदन में ‘ब्रह्मा, विष्णु, महेश इनकी जगह मॉडर्न अभिनेता दिखाना, यह हिन्दुआेंकी धार्मिक भावनाआें के साथ खिलवाड है। इसलिए फिल्म का पोस्टर तुरंत बदला जाए, एेसी मांग की गर्इ । (देवताआें के अनादर के विरोध में तत्परता दिखाकर वैध मार्ग से कृती करनेवाले धर्मरक्षक महामंच के श्री. रमेश जोशी का अभिनंदन ! सर्वत्र के हिन्दुआें ने इसका अादर्श लेना चाहिए – सम्पादक, हिन्दूजागृति)
देवताआें का अनादर कदापि सहन नहीं करेंगे – रमेश जोशी, अध्यक्ष, धर्मरक्षक महामंच
हिन्दू धर्म की हानी होती है, तो हम शांत नही बैठेंगे । देवताआें का अनादर कदापि सहन नही करेंगे । सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन आंदोलन कर लोकशाही मार्ग से इस फिल्म का विरोध करें । हमारी लडार्इ सर्वोच्च न्यायालय तक रहेगी ।
सेन्सॉर बोर्ड, पुलिस, प्रशासन, निर्माता तथा निदेशकों ने हिन्दुआें के सहनशीलता का अंत न देखे – सुनील घनवट, महाराष्ट्र राज्य संघटक, हिन्दू जनजागृती समिति
आजकल फिल्मों द्वारा हिन्दुआें के देवताआें का अनादर करना, इतिहास का विकृतीकरण करना, हिन्दुआें की धार्मिक भावनाआें के साथ खिलवाड करना, यह पब्लिसिटी स्टंट हो गया है। ‘पद्मावत’ फिल्म के माध्यम से इतिहास की उपेक्षा कर रजपुतों के साथ साथ लाखों हिन्दुआें की भावनाआें को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया । इससे पूर्व‘पिके’, ‘ओ माय गॉड’ इन फिल्मों से हिन्दुआें के देवताआें का अनादर किया गया है। हिन्दुआेंकी धार्मिक भावनाआें से खिलवाड करने का यह प्रकार अब आगे आैर सहन नही किया जाएगा ?
‘३ देव – अंडरकव्हर भगवान’ इस फिल्म के ‘पोस्टर’में इतनी बडी मात्रा में अनादर दिखार्इ दे रहा है, तो संपूर्ण फिल्म में कितना होगा, यह अलग से बताने की आवश्यकता नही है । इस फिल्म का हिन्दू जनजागृति समिति तीव्र निषेध करती है ।
इस फिल्म के विरोध में महाराष्ट्र में विविध जिलो में हम शिकायत दर्ज करनेवाले है । यह फिल्म रिलीज न हों, इस हेतु राज्यो में आंदोलन करेंगे। निर्माताआें ने समय पर ही यह बात ध्यान में लेनी चाहिए आैर फिल्म में दिखाया हुआ अनादरात्मक हिस्सा निकालना चाहिए ।
साथ ही हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के साथ चर्चा कर, उन्हें यह फिल्म दिखाए बिना रिलीज न होने दे । सेन्सॉर बोर्ड अन्य धर्मियों के भावनाआें को ध्यान में लेकर उनके विरोध में दिखाए गए दृश्यों पर कैची चलाते है । आज तक हिन्दुअों के देवता, संत, राष्ट्रपुरु, इतिहास इनकी अनेक बार उपेक्षा की गर्इ है; किंतु सेन्सॉर बोर्ड इसकी आेर कभी ध्यान नहीं देता। इसलिए हिन्दुआेंकी धार्मिक भावना तीव्र है। सेन्सॉर बोर्ड, पुलिस, प्रशासन, निर्माता, निदेशक इन सभी ने हिन्दुआें के सहनशीलता का अंत न देखे अन्यथा हिन्दू रस्ते पर उतरकर वैध मार्ग से विरोध किए बिना शांत नही बैठेंगे ।